आठ महीने के अंतराल के बाद हाईकोर्ट में शुरु हुई प्रत्यक्ष सुनवाई 

Direct hearing started in High Court after a gap of eight months
आठ महीने के अंतराल के बाद हाईकोर्ट में शुरु हुई प्रत्यक्ष सुनवाई 
आठ महीने के अंतराल के बाद हाईकोर्ट में शुरु हुई प्रत्यक्ष सुनवाई 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। कोरोना संकट के साए के बीच करीब आठ महीने के लंबे अंतराल के के बाद मंगलवार को बांबे हाईकोर्ट में प्रत्यक्ष सुनवाई शुरु हो गई लेकिन इस दौरान न्यायाधीश,वकील, कोर्ट कर्मचारी व वहां पर आए सभी पक्षकारों के मुंह मास्क से ढके दिखे लेकिन युवा वकीलों के चेहरों पर प्रत्यक्ष रुप से अपनी बात न्यायाधीश के सामने रखने की खुशी स्पष्ट झलक रही थी। इस दौरान कोर्ट में उम्र दराज वकीलों की उपस्थिति कम ही दिखी। 

कोर्ट के भीतर कम बाहर ज्यादा थे वकील

कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए सतर्कता के तौर पर मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता के कोर्ट कक्ष में प्लास्टिग के ग्लास की दो दीवारे बनाई गई है। ऐसी ही व्यवस्था कमोबेश हर कोर्ट कक्ष में दिखी। अदालत में भीड़ प्रबंधन व सामाजिक दूरी का पालन हो सके इसके लिए एक बार में कोर्ट कक्ष में सिर्फ पांच वकीलों को ही प्रवेश दिया जा रहा था। इसलिए वकील कोर्ट कक्ष के भीतर कम बाहर नजर आ रहे थे। हालांकि वकीलों की प्रतीक्षा के लिए अलह से एक कमरा भी रखा गया था। लेकिन कोर्ट के सभी डिसप्ले बोर्ड ठीक तरह से काम न करने के कारण वकील भीतर बैठने की बजाय कोर्ट कक्ष के बाहर खड़े होने को प्राथमिकता दे रहे थे।

कोर्ट कक्ष में एक बार में पांच लोग ही जाए यह सुनिश्चित करने के लिए बाहर पुलिसकर्मी को तैनात किया गया था। जगह-जगह कोरोना संक्रमण से बचने के उपायों की जानकारी देनेवाले पोस्टर लगाए गए थे। हर कोर्ट के प्रवेशद्वार पर सैनिटाइजर रखा गया था। कोर्ट बने बार रुम (वकीलों के बैठने का स्थान) में भी वकील सामाजिक दूरी का पालन करते दिखे। 

ऑनलाइन से बेहतर है प्रत्यक्ष सुनवाई

हाईकोर्ट में प्रत्यक्ष सुनवाई से प्रसन्न अधिवक्ता उदय वारुंजेकर ने कहा कि वीडियो कांफ्रेसिंग की सुनवाई के दौरान हमे अपनी दलीलों से ज्यादा इंटरनेट नेटवर्क,अवाज व कैमरे पर ध्यान देना पड़ता था इसलिए हम अपनी बात प्रभावी ढंग से न्यायाधीश तक पहुंचापाने में कठिनाई महसूस करते थे लेकिन प्रत्यक्ष सुनवाई के दौरान हमारा ध्यान सिर्फ अपनी बात रखने पर होता है। इसलिए प्रत्यक्ष सुनवाई आनलाइन से काफी बेहतर है। क्योंकि आनलाइन सुनवाई से जुड़ी बंदिसों से मुक्ति मिली है। वहीं इस बारे में अधिवक्ता यशोदीप देशमुख ने कहा कि कोरोना महामारी के चलते माहौल बदला है लेकिन हाईकोर्ट में भीड़ नियंत्रण व सामाजिक दूरी के पालन के लिए काफी कारगर इंतजाम किए गए है। न्यायमूर्ति के सामने अपनी बात प्रभावी ढंग से रखने के लिए प्रत्यक्ष सुनवाई काफी अच्छा माध्यम है लेकिन यदि आनलाइन सुनवाई का भी विकल्प रखा जाए तो कोरोना संकट में यह उम्रदराज वकीलों के लिए अच्छा हो सकता है। उन्होंने कहा कि कोर्ट को पहले जैसे पटरी में आने में थोड़ा वक्त जरुर लगेगा। 

Created On :   1 Dec 2020 6:52 PM IST

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