गायब हुए मेघ, गर्मी और उमस कर रही हलाकान, खरीफ की फसलों को नुकसान

Disappearing clouds, sweltering heat and humidity, damage to Kharif crops in villages
गायब हुए मेघ, गर्मी और उमस कर रही हलाकान, खरीफ की फसलों को नुकसान
गायब हुए मेघ, गर्मी और उमस कर रही हलाकान, खरीफ की फसलों को नुकसान

10 साल में पहली बार एंट्री के बाद भटका मानसून फेल साबित हो रहे मौसम विभाग के सारे पूर्वानुमान, रिमझिम बारिश के साथ आस जगा कर अचानक
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
इस साल मानसून जमकर आँख मिचौली खेल रहा है। बीते 10 साल के आँकड़े बताते हैं कि जून माह में मानसून की जिले में एंट्री के बाद बारिश की शुरुआत हो जाती है, लेकिन इस साल एंट्री के बावजूद मानसून भटक गया है। पिछले एक माह से उसका कोई अता पता नहीं। मौसम विभाग अपनी भाषा में इसकी वजह  लो प्रेशर का न बनना बता रहा है। लेकिन असलियत यह है िक 15 जून जिसे मानसून की एंट्री कही जा रही है उसके बाद से लेकर अब तक  तीन से चार बार ऐसे हालात बने और जब-जब बंगाल की खाड़ी में अच्छे खासे वेदर सिस्टम डेवलप हुए, शहर में झमाझम बारिश की आस भी जागी, आसमान में भरपूर बादल भी छाए रहे, लेकिन उसके बावजूद निराशा ही हाथ लगी। 
18 जुलाई से पुन: वर्षा के आसार - मौसम विभाग ने आगामी 18 जुलाई से एक बार फिर लो प्रेशर बनने के कारण बारिश की संभावना दर्ज कराई है। विशेषज्ञों का कहना है कि एक सिस्टम फिर से तैयार हो रहा है। इस दौरान जबलपुर और समीपी जिलों में कम दबाव का क्षेत्र  बनता है तो बारिश के आसार बनेंगे। 
बारिश न होने से सूख रहीं फसलें
जबलपुर जिले में 2 लाख 33 हजार रकबे पर खरीफ की फसलों की बुवाई होना तय है, इसमें से 70 हेक्टेयर रकबे पर बुवाई हो भी चुकी है। इसमें मुख्यत: धान और मक्का शामिल हैं। इन फसलों के लिए पानी बहुत जरूरी होता है। इसलिए ऐसे किसान िजन्होंने धान की फसल की सीधी बुवाई की है, उनकी फसल सूखने की कगार पर है। वे फसलों को ट्यूबवेल से पानी उपलब्ध करा रहे हैं। आलम ये हैं कि फसल के आसपास खरपतवार निकल आई है। इसके अलावा मक्का, मूँग, उड़द और अरहर जैसी फसलों में बारिश न होने से कीट और बीमारियों का प्रकोप बढ़ गया है। 
 

Created On :   15 July 2021 2:42 PM IST

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