डिस्पेंसरी का पता नहीं, हर महीने 27 हजार की चपत

Dispensary is not known, the loss of 27 thousand every month
डिस्पेंसरी का पता नहीं, हर महीने 27 हजार की चपत
डिस्पेंसरी का पता नहीं, हर महीने 27 हजार की चपत

तीन महीने पहले लिया गया किराए पर, अब न डॅाक्टरों का पता, न स्टाफ का
डिजिटल डेस्क जबलपुर । सी
जीएचएस की छठवीं डिस्पेंसरी के लिए न जाने क्यों मुहूर्त ही नहीं बन पा रहा है। अभी डिस्पेंसरी खुली नहीं है और किराए के रूप में सरकारी खजाने से तकरीबन 81 हजार रुपए खाली हो चुके हैं। अधारताल में लिए गए भवन में न डॉक्टरों की तैनाती हो पाई है और न ही स्टाफ की। सेंट्रल गवर्नमेंट हैल्थ स्कीम की जबलपुर अधारताल में प्रस्तावित डिस्पेंसरी की घोषणा हुए तकरीबन 4 साल का वक्त हो रहा है, लेकिन सुविधा का दूर-दूर तक पता नहीं है। लंबी जद्दोजहद के बाद दिसंबर 2020 में अधारताल में किराए का ठिकाना मिला, 27 हजार रुपए प्रति महीने की दर पर। अब हालात यह है कि तीन महीने बीत जाने के बाद भी स्टाफ की तैनाती का रास्ता साफ नहीं हो सका है। 
पहले दिलचस्पी अब बेरुखी
 स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा डिस्पेंसरी के लिये बजट न देना, डॅाक्टर एवं स्टाफ की नियुक्ति न होना सबसे बड़ा अवरोध बना हुआ है। स्वास्थ्य मंत्रालय दिल्ली ने शुरू में डिस्पेंसरी के लिये भवन चयन करने के लिये जितनी दिलचस्पी दिखाई थी, लेकिन अब भवन मिलने के बाद मामला ठण्डे बस्ते में पड़ा हुआ है।

Created On :   22 March 2021 10:21 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story