मुख्यमंत्री के खिलाफ बोलने पर पूर्व सांसद के खिलाफ 11 एफआईआर दर्ज करने पर नाराजगी

Displeasure over the filing of 11 FIRs against the former MP for speaking against the Chief Minister
मुख्यमंत्री के खिलाफ बोलने पर पूर्व सांसद के खिलाफ 11 एफआईआर दर्ज करने पर नाराजगी
हाईकोर्ट मुख्यमंत्री के खिलाफ बोलने पर पूर्व सांसद के खिलाफ 11 एफआईआर दर्ज करने पर नाराजगी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ प्रदर्शन करने पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता व पूर्व सांसद आनंद परांजपे के खिलाफ 11 एफआईआर दर्ज करने पर महाराष्ट्र पुलिस को कड़ी फटकार लगाई है। ये एफआईआर मुख्यमंत्री के गृहनगर ठाणे में दर्ज की गई हैं। न्यायमूर्ति रेवती मोहिते ढेरे व न्यायमूर्ति पीके चव्हाण की खंडपीठ ने कहा कि पुलिस पर जब जुर्माना लगाया जाएगा तभी वह सबक सीखेगी। जुर्माने की रकम पुलिसवालों को अपने वेतन से भरने के लिए कहा जाएगा। राकांपा नेता परांजपे ने खुद के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर को रद्द करने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। शुक्रवार को जब यह याचिक सुनवाई के लिए आयी तो खंडपीठ ने मामले से जुड़े तथ्यों पर गौर करने के  बाद  पुलिस के प्रति कड़ा रुख अपनाया और कड़ी फटकार लगाई। इसके मद्देनजर सरकारी वकील प्रजाक्ता शिंदे ने कहा कि 11 एफआईआर के मामले में पुलिस याचिकाकर्ता(परांजपे) के खिलाफ 18 जनवरी 2023 तक कोई कड़ी कार्रवाई नहीं करेगी। 

इससे पहले परांजपे की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता सुहास ओक ने कहा कि एक राजनीतिक प्रदर्शन को लेकर याचिकाकर्ता के खिलाफ 11 एफआईआर दर्ज की गई है। वहीं सरकारी वकील शिंदे ने कहा कि याचिकाकर्ता के खिलाफ जिन धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई है वे जमानती हैं। याचिकाकर्ता चाहे तो कोर्ट में जमानत के लिए आवेदन कर सकता है। इस पर खंडपीठ ने कहा कि कुल 11 एफआईआर को लेकर आरोपी अलग-अलग जमानत आवेदन क्यों दायर करें। इस तरह से अनेक मामले दर्ज ही नहीं किए जाने चाहिए थे। इस तरह के कृत्य पर रोक लगनी चाहिए। इससे आम आदमी को परेशानी होती है। 

याचिका के मुताबिक याचिकाकर्ता के खिलाफ पहले 12 दिसंबर 2022 को ठाणे में एक एफआईआर दर्ज की गई थी। इसके बाद मुख्य़मंत्री शिंदे के समर्थकों ने ठाणे में अलग-अलग जगहों पर 10 एफआईआर दर्ज कराई। सभी शिकायतों में कहा गया है कि याचिकाकर्ता ने मुख्यमंत्री शिंदे के लिए असम्मानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया है। जिससे मुख्यमंत्री शिंदे की मानहानि हुई है। इसके अलावा मुख्यमंत्री की मानहानि करनेवाले वीडियो भी सोशल मीडिया पर अपलोड किए गए। याचिका में परांजपे ने कहा है कि उन्होंने पिछले साल ठाणे में मुख्यंत्री के खिलाफ प्रदर्शन किया था। इसके लिए उनके खिलाफ एक जैसी 11 एफआईआर दर्ज की गई। 
 

Created On :   13 Jan 2023 9:48 PM IST

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