यह मत सोचो कि आप अकेले हो, आगे बढ़ो एक दिन आप खुद चमक जाओगे

Do not think that you are alone, go ahead one day you will shine on your own
यह मत सोचो कि आप अकेले हो, आगे बढ़ो एक दिन आप खुद चमक जाओगे
यह मत सोचो कि आप अकेले हो, आगे बढ़ो एक दिन आप खुद चमक जाओगे

ट्रिपलआईटीडीएम का 10 वाँ दीक्षांत समारोह, राज्यपाल लालजी टंडन ने किया संबोधित, मैडल और डिग्री पाकर खिले चेहरे
डिजिटल डेस्कजबलपुर।
अब आपके सामने असीम आकाश है, सिर्फ जरूरत है आपको हौसला रखते हुए दिशा निर्धारित कर आगे बढऩे की, रास्ते खुद ब खुद खुल जाएँगे। अगर आपने शिक्षा पूरी कर ली है तो जीवन यापन के लिए रास्ता भी आप खुद चुन सकते हैं। आप ये नहीं सोचें कि आप अकेले हैं, आगे बढ़ो आप एक दिन खुद चमक जाओगे। 
पुराने वैज्ञानिकों को नहीं भूल
उक्त विचार मुख्य अतिथि राज्यपाल लाल जी टंडन ने ट्रिपल आईटीडीएम के दसवें  दीक्षांत समारोह में व्यक्त किए। दीक्षांत अभिभाषण में राज्यपाल श्री टंडन ने कहा कि पुराने वैज्ञानिकों को नहीं भूलें, उन्हें पढ़ते रहें,उनके अनुसंधानों पर आज भी रिसर्च हो रही है। अध्यक्षता संस्थान के प्रशासक मंडल के अध्यक्ष डॉ.दीपक घईसास ने की। समारोह के दौरान 786 उपाधियां प्रदान की गयी। राज्यपाल श्री टंडन ने मुक्ताकाश रंगमंच का उद्घाटन भी किया। इस दौरान 531 बैचऑफ टेक्नोलॉजी, 21 बैचलर ऑफ डिजाइन, 137 मास्टर ऑफ टेक्नोलॉजी, 53 मास्टर ऑफ डिजाइन और 44 डॉक्टर ऑफ िफलॉसफी की उपाधियाँ प्रदान की गईं। साथ ही 14 स्वर्ण एवं 22 रजत पदक, विभिन्न विषयों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों को दिए गए। समारोह में निदेशक प्रो.संजीव जैन, अकादमी के प्रभारी प्राध्यापक प्रो. विजय कुमार गुप्ता, छात्रों के प्रभारी प्राध्यापक डॉ.प्रशांत कुमार जैन, कार्यकारी कुलसचिव श्रीमती स्वप्राली गडेकर, सहायक कुलसचिव (अकादमी)रिजवान अहमद मौजूद थे। 
कोर्णाक का  सूर्य मंदिर जाएँ 
राज्यपाल श्री टंडन ने कहा कि आप जिस देश में पैदा हुए हैं, उसके पास खुद एक बहुत बड़ी विरासत है, जिसे हमें नहीं भूलना है। आज जो हमारे सामने विकास है,वह कहीं न कहीं हमारे पूर्वजों की वजह से है, आगे बढ़ें लेकिन पूर्वजों को भी याद रखें। आपने यह सफलता हासिल कर ली मेरा यह सुझाव है कि आप कोर्णाक का सूर्य मंदिर जाएँ, मंदिर जाकर डिजाइन की तकनीक देखें, उसे समझें । पूरे विश्व में जो ज्ञान और विज्ञान है, वो भारत के विचारकों की ही देन है इसलिए आवश्यकता है कि अपने देश से जो हमने प्राप्त किया है, उसे साथ लेकर चलें। अपने देश को दिल में बसाएँ। कितनी भी तरक्की करें, देश को नहीं भूलें।
 

Created On :   8 Jan 2020 6:33 PM IST

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