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पुलिस सुरक्षा में सड़क पर आई एसटी की दर्जनों बसें, परब बोले - काम पर लौट रहे हैं कर्मचारी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एसटी महामंडल) के हड़ताल आंदोलन में फूट पड़ती नजर आ रही है। शुक्रवार को एसटी के मुंबई, पुणे, नाशिक, ठाणे, सातारा समेत 17 स्थलों से 36 बसें सड़कों पर चली। इसमें एसटी की साधारण, शिवशाही और शिवनेरी की 36 बसों में 826 यात्रियों ने सफर किया। कई बस डिपो से पुलिस सुरक्षा के बीच बसों का परिचालन हुआ। हालांकि सांगली के इस्लापुर के एसटी डिपो से निकली हुई बस में अज्ञात लोगों ने मुंह पर रुमाल बांधकर पथराव कर दिया। एसटी महामंडल के उपाध्यक्ष तथा प्रबंध निदेशक शेखर चन्ने ने कहा कि कर्मचारियों की हड़ताल जारी है लेकिन कई डिपो के कर्मचारियों ने काम पर लौटने की इच्छा जताई है। चन्ने ने कहा कि हड़ताल को छोड़कर काम पर लौटने के इच्छुक कर्मचारियों को प्रशासन की ओर से उचित सुरक्षा दी जाएगी। लेकिन मेरी सभी कर्मचारियों से अपील है कि वे काम पर लौट आएं। चन्ने ने कहा कि एसटी डिपो से जिन निजी बसों को छोड़ा जा रहा है। ऐसे निजी बस चालक एसटी की प्रचलित दर के अनुसार किराया वसूल रहे हैं। उन्होंने कहा कि निजी ट्रैवल्स वाले हड़ताल का फायदा उठाकर यात्रियों से ज्यादा किराया वसूल न करे।
काम पर लौट रहे हैं कर्मचारीः परब
इस बीच प्रदेश के परिवहन मंत्री तथा एसटी महामंडल के अध्यक्ष अनिल परब ने कहा कि हड़ताल में शामिल कर्मचारी काम पर लौटने लगे हैं। काम करने के इच्छुक कर्मचारियों को यदि किसी ने रोकने का प्रयास किया तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। परब ने कहा कि राज्य सरकार ने बाम्बे हाईकोर्ट के आदेश पर एसटी महामंडल का सरकार में विलय की मांग पर अध्ययन के लिए मुख्य सचिव सीताराम कुंटे की अध्यक्षता में समिति का गठन कर दिया है। एसटी कर्मचारी अपने मांगों को समिति के सामने रखें। परब ने कहा कि यदि एसटी महामंडल का सरकार में विलय करना है तो इसके लिए अध्ययन के बाद ही फैसला हो सकेगा।
परिवहन मंत्री का आरोप, कर्मचारियों को भड़का रहे भाजपा नेता
इस बीच परब ने भाजपा विधायक गोपीचंद पडलकर और प्रदेश के पूर्व राज्य मंत्री सदाभाऊ खोत पर एसटी कर्मचारियों के हड़ताल को भड़काने का आरोप लगाया है। परब ने कहा कि पडलकर और खोद कर्मचारियों का हुए नुकसान की जिम्मेदारी नहीं लेंगे। भाजपा विधायक नितेश राणे की ओर से मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ टिप्पणी करने पर परब ने पलटवार किया है। परब ने कहा कि हम नितेश के आरोपों को गिनते ही नहीं हैं। नितेश कौन हैं? उनकी मुख्यमंत्री के खिलाफ आरोप लगाने की हैसियत है क्या? परब ने कहा कि एसटी के कर्मचारी जितने दिनों तक काम नहीं करेंगे उन्हें उतने दिनों के वेतन का नुकसान होगा। राजनीतिक दल अपनी रोटी सेंक लेंगे। लेकिन एसटी कर्मचारियों के नुकसान की भरपाई कोई नहीं करेगा।
शरद पवार से मिले राज ठाकरे
दूसरी ओर मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने एसटी कर्मचारियों के आंदोलन को लेकर राकांपा अध्यक्ष शरद पवार से उनके आवास पर मुलाकात की। दूसरी ओर शिवसंग्राम के अध्यक्ष विनायक मेटे ने मुख्यमंत्री के खिलाफ विवादित टिप्पणी की है। मेटे ने कहा कि मुख्यमंत्री अस्पताल में इलाज करा रहे हैं मुझे उनके बारे में नहीं बोलना है। लेकिन उन्होंने पूरी सरकार को ही अस्पताल में डाल दिया है। पूरी सरकार अस्पताल में बिस्तर पर सो गई है।
हड़ताल से हर दिन 15 से 20 करोड़ रुपए का घाटा
एसटी महामंडल प्रशासन ने कर्मचारियों से काम पर लौटने की अपील की है। एसटी महामंडल ने कहा कि कर्मचारियों के हड़ताल से हर दिन 15 से 20 करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है। एसटी प्रशासन ने कहा कि महामंडल का 12 हजार करोड़ रुपए का संचित घाटा है। जबकि राज्य सरकार ने एसटी कर्मचारियों के वेतन के भुगतान के लिए अभी तक 3549 करोड़ रुपए उपलब्ध कराए हैं।
Created On :   12 Nov 2021 8:03 PM IST