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हाईकोर्ट : राहगीर की लापरवाही से दुर्घटना होने पर चालक जिम्मेदार नहीं, अदालत के कामकाज में बदलाव
डिजिटल डेस्क, मुंबई। रास्ते पर चलने वाले राहगीर की यह जिम्मेदारी वह चलते समय अथवा सड़क पार करते समय सतर्कता बरते। ऐसे में यदि राहगीर की लापरवाही व उपेक्षा से सड़क हादसा होता है, तो इसके लिए वाहन के ड्राइवर को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है। मुंबई की मैजिस्ट्रेट कोर्ट ने लापरवाही से गाड़ी चलाने के मामले में आरोपी एक 56 वर्षीय महिला को बरी करते हुए अपने आदेश में उपरोक्त बात कही हैं। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद पाया कि दादर में साल 2015 में जब दुर्घटना हुई तो पीड़ित रास्ते पर चलने की बजाय सड़क पर चल रही थी। जबकि पीड़िता अपेक्षा शाह ने दावा किया था कि जब वह दादर इलाके में चल रही थी तो पीछे से आयी एक कार ने उसे। धक्का दिया। जिससे वे गिर पड़ी औऱ उनके पैर की उंगली में चोट लगी। किन्तु वे कोर्ट को इस बारे में कोई ठोस सफाई नहीं दे पायी की जब उनके बगल से फुटपाथ थी तो वे सड़क पर क्यों चल रही थी। उन्होंने फुटपाथ का इस्तेमाल क्यो नहीं किया। कोर्ट ने कहा कि मामले से जुड़े सबूत विश्वशनीय नजर नहीं आ रहे है। इसलिए सबूतों के अभाव में आरोपी स्वप्निला सखलकर को मामले से बरी किया जाता हैं
हाईकोर्ट के कामकाज में बदलाव
बॉम्बे हाईकोर्ट ने अपने कामकाज के समय में बदलाव लाने का निर्णय किया है। अब कोर्ट की सुनवाई आगामी 7 जून 2021 से सुबह 11 बजे की बजाय सुबह साढ़े दस बजे से शुरु होगीऔर शाम साढ़े चार बजे तक चलेगी। दोपहर डेढ़ बजे से ढाई बजे के बीच भोजन के लिए विराम लिया जाएगा। अब तक कोर्ट में सुबह 11 बजे से पांच बजे तक होती थी। रजिस्ट्रार जनरल की ओर से इस संबंध में जारी की गई नोटिस में नागपुर, औरंगाबाद और गोवा खंडपीठ के समय के बदलाव के बारे में कोई बात नहीं कही गई है।
कोंकण में कोस्ट गार्ड कार्यालय बनाने जनहित याचिका
हमेशा नैसर्गिक आपदा का शिकार होनेवाले कोकण के रत्नागिरी व सिंधुदुर्ग जिले में अब तक वहां तट संरक्षक दल (कोस्ट गार्ड) का कार्यालय स्थापित नहीं हुआ। जबकि इसे साल 2011 में मंजूरी मिली थी। यह दावा करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट में अधिवक्ता राकेश भाटकर के माध्यम से जनहित याचिका दायर की गई है। गुरुवार को इस याचिका पर सुनवाई हो सकती है। यह याचिका राजस्व विभाग के सेवानिवृत्त कर्मचारी शरद राऊल ने दायर की है। याचिका में दावा किया गया है कि पालघर,ठाणे,रायगढ़, मुंबई, रत्नागिरी व सिंधुदुर्ग जिले कोस्ट गार्ड का कार्यालय खोलने की एक साथ मंजूरी दी गई थी। चार जगह तो कार्यालय खुल गए हैं लेकिन रत्नागिरी व सिंधुदुर्ग में अब तक कार्यालय नहीं खुला है, यह भेदभावपूर्ण है। जबकि यह इलाके सतत प्राकृतिक आपदा का शिकार होते हैं। ऐसे में यदि यहां कोस्ट गार्ड का कार्यालय बनता है तो यह आपदा से निपटने में काफी कारगर साबित होगा।
Created On :   24 May 2021 7:28 PM IST