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फल फूल रहा है नशीली दवाओं का कारोबार, पुलिस के चढ़े हत्थे सौदागर

डिजिटल डेस्क, सतना। नशे के कारोबार को रोकने के लिए पुलिस ने ऐसा जाल बिछाया कि आखिरकार नशा बेचने वाले सौदागर पुलिस के चंगुल में फंस ही गए। इसके लिए सादी वर्दी में पहले एक आरक्षक नशे के रूप में बिकने वाली सिरप और गोलियों के व्यापारी तक पहुंचा। आदत के मुताबिक नशे के सौदागर ने बगैर कोई डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के जैसे ही दोगुनी कीमत में सिरप और गोलियां उपलब्ध कराई वैसे ही पुलिस ने व्यापारियों को धर दबोचा। पूछताछ के दौरान व्यापारियों के पास से सिरप और गोलियों के खरीद-बिक्री के बिल भी नहीं मिले और न ही वो उपलब्ध करा पाए। पुलिस ने सिरप और गोलियों को जब्त करते हुए आरोपियों को हिरासत में लेकर न्यायालय में पेश किया जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।
क्या है पूरा मामला
सिटी कोतवाल मोहित सक्सेना को मुखबिर से पक्की खबर मिली कि शहर में दो कारोबारी ऐसी दवाओं की अवैध रूप से बिक्री कर रहे हैं जो नशे के रूप में इस्तेमाल की जाती हैं। इस बात की जानकारी उन्होंने एसपी रियाज इकबाल और एडिशनल एसपी गौतम सोलंकी और सीएसपी वीपी सिंह को दी। अधिकारियों ने सिटी कोतवाल को योजनाबद्ध तरीके से कार्यवाही करने के निर्देश दिए। श्री सक्सेना ने अपने मातहत पुलिस उप निरीक्षक शुभम नागभिरे को सादी वर्दी में नशे में उपयोग आने वाली दर्दनिवारक दवा स्लाइस्मो प्रोक्सी बोन प्लस टेबलेट खरीदने के लिए भेजा। दवा कारोबारी ने एक पत्ता टेबलेट के एवज में दोगुना पैसा लिया।
फिर हुई छापेमारी
नशे के कारोबार की पुष्टि होते ही सिटी कोतवाली टीआई के अलावा कोलगवां थाना प्रभारी आरपी सिंह अपने दल बल के साथ नवदुर्गा चौक स्थित कन्सल डिस्ट्रीब्यूटर मेडिकल स्टोर में छापेमारी की जहां टीम को 3 कार्टून में 360 शीशी ऑनरेक्स कफ सिरप और स्लाइस्मो प्रोक्सी बोन प्लस की 152 गोलियां मिलीं। पुलिस अधिकारियों ने दवा बेचने वाले धर्मेन्द्र अग्रवाल तनय जगदीश अग्रवाल निवासी गौशाला चौक से जब दवाओं से संबंधित परचेज और सेल संबंधी दस्तावेज मांगे तो वो उपलब्ध नहीं करा सका लिहाजा पुलिस ने ड्रग कंट्रोल अधिनियम 5/19 के तहत कार्रवाई करते हुए दवा जब्त कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। इसी तरह बजरहा टोला निवासी दुर्गेश चौधरी तनय चन्द्रिका प्रसाद चौधरी के कब्जे से भी 160 शीशी ऑनरेक्स सिरप बरामद किया गया। इसके पास भी कोई दस्तावेज नहीं पाए गए। दोनों आरोपियों को 151 के तहत न्यायालय में पेश किया गया जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।