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मोबाइल पर पत्नी से झगड़ा हुआ तो आरक्षक ने खाया जहर

डिजिटल डेस्क सतना। जिले के मझगवां थाने में तैनात पुलिस आरक्षक प्रदीप वर्मा अब खतरे से बाहर हैं। जहर खाकर जान देने की कोशिश के बीच आरक्षक को यहां के जिला अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराया गया है। इलाज कर रहे डॉक्टरों ने बताया कि प्रदीप अब खतरे से बाहर हैं। इसी बीच घटना की खबर मिलने पर एडीशनल एसपी गुरुकरन सिंह और सीएसपी वीडी पांडेय ,सिटी टीआई राघवेन्द्र द्विवेदी एवं अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी तत्काल जिला अस्पताल पहुंचे।
झगड़े की जड़ घरेलू कलह
पुलिस ने बताया कि मझगवां थाने में पदस्थ आरक्षक प्रदीप वर्मा पुत्र नत्थूलाल (35) मूलत: रीवा जिले के जवा थाना क्षेत्र के झलवार निवासी हैं। इससे पहले वो कोठी थाने में पदस्थ थे । बच्चों की पढ़ाई लिखाई के आरक्षक प्रदीप ने कोठी से मझगवां के लिए स्वैच्छिक स्थानांतरण की मांग की थी। इसी आवेदन के आधार पर उन्हें कोठी से मझगवां स्थानांतरित कर दिया गया था। फिलहाल वो कोठी थाना परिसर के अपने शासकीय आवास में ही रह रहे थे। बताया गया है कि एक हफ्ते पहले घरेलू झगड़े के बाद पत्नी पूनम अपनी 4 बेटियों के साथ झलवार चली गई थी। पति-पत्नी के बीच प्राय:कलह होती रहती थी। शनिवार के आरक्षक ये कह कर डयूटी पर नहीं आया था कि पत्नी बीमार है और उसे इलाज के लिए डॉक्टर के पास ले जाना है।
पड़ोसी के पास पहुंचा पत्नी का फोन
आरक्षक शनिवार को डयूटी पर नहीं गया था, सुबह करीब साढ़े 11 बजे उसने पत्नी को फोन लगाया और बहस करने लगा। बात इतनी बढ़ी कि गुस्से में पत्नी को भला बुरा कहने के बाद फोन काट दिया, तब परेशान पत्नी पूनम ने कई बार फोन लगाया लेकिन आरक्षक ने कॉल रिसीव नहीं किया। जिस पर अनहोनी की आंशका से घबराई महिला ने कोठी में अपने पड़ोसी और हॉल ही में सभापुर भेजे गए प्रधान आरक्षक सरोज रावत को फोन कर पति से बात कराने की गुजारिश की पर वह ड्यूटी पर था लिहाजा कोठी थाने में फोन कर प्रदीप के घर जाने के लिए कहा। तब कुछ पुलिसकर्मी दौडकऱ सरकारी क्वार्टर पर गए और काफी देर तक आवाज लगाई व दरवाजा खटखटाया पर कोई जवाब नहीं मिला तो दरवाजा तोडकऱ अंदर घुस गए जहां आरक्षक बेसुध पड़ा था। यह खबर तुरंत ही थाना प्रभारी ओपी सिंह को दी और पुलिस जीप में लादकर उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र ले गए। कुछ देर तक उपचार करने के बाद डॉक्टर ने आरक्षक को जिला अस्पताल रेफर कर दिया। तकरीबन पौने 2 बजे सतना लाए जाने पर डयूटी डॉक्टर पूजा कुशवाहा ने उसे वार्ड 6 में भर्ती कर विशेषज्ञ डा. आरएन सोनी और मनोज शुक्ला को बुला लिया। तीनों डॉक्टरों ने अथक प्रयास कर आरक्षक की जान बचा ली फिलहाल उसकी हालत खतरे से बाहर बताई गई है। यह खबर मिलते ही एएसपी गुरकरन सिंह, सीएसपी वीडी पांडेय, सिटी कोतवाल डा. राघवेन्द्र द्विवेदी ने अस्तपताल पहुंचकर डॉक्टरों से उसकी हालत के बारे में जानकारी ली, तीनों अधिकारी काफी देर तक वहां मौजूद रहे। इस बीच कोटर टीआई और आरक्षक के चाचा एमएल वर्मा भी अस्पताल आ गए थे। उपचार कर रहे डॉक्टरों ने उसकी हालत खतरे से बाहर बताई है पर यह स्पष्ट नहीं कर सके कि आरक्षक ने कौन सा जहर खाया था।
पत्नी की हालत बिगड़ी
जैसे ही पति के आत्महत्या की कोशिश का समाचार पूनम को मिला तो वह बदहवास हो गई, पहले से ही अस्वस्थ्य चल रही 30 वर्षीय महिला परिजन के साथ सतना के लिए रवाना हो गई। शाम लगभग 4 बजे यहां पहुंचकर जैसे ही प्रदीप को देखा तो उसकी हालत बिगड़ गई। तब घर के लोगों ने किसी तरह संभाला और वार्ड में भर्ती करा दिया जहां डॉक्टरों ने तुरंत उपचार शुरू कर दिया। बताया गया है कि आरक्षक की आर्थिक स्थिति काफी अच्छी है, उसके पिता शासकीय विद्यालय में हेडमास्टर है तो बहन और चाचा पुलिस विभाग में है। महकमे में भी सब ठीक ही चल रहा था।
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Created On :   5 Feb 2018 1:20 PM IST