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डुमना एयरपोर्ट घाटे में, अब लाभ कमाने वाले इंदौर से किया जाएगा इसका संचालन
केंद्रीय विमानन प्राधिकरण ने विमान उद्योग को बढ़ावा देने बनाया नया सिस्टम
डिजिटल डेस्क जबलपुर । जबलपुर के डुमना एयरपोर्ट की कमान जल्द ही इंदौर एयरपोर्ट अथॉरिटी को सौंपी जा सकती है। इस संबंध में केंद्रीय विमानन प्राधिकरण ने तैयारियाँ करना शुरू कर दिया है। बताया जा रहा है कि विमान उद्योग को बढ़ावा देने के लिए प्राधिकरण ने बंडल सिस्टम तैयार किया है जिसमें घाटे में चलने वाले एयरपोर्ट को उसी राज्य के लाभ कमाने वाले एयरपोर्ट के साथ जोड़ दिया जाएगा। यानी कि जबलपुर का डुमना एयरपोर्ट अब इंदौर एयरपोर्ट अथॉरिटी के नियंत्रण में चला जाएगा। यह जबलपुर और आसपास के फ्लायर्स के लिए बुरी खबर है। बताया जा रहा है कि भले ही डुमना एयरपोर्ट से विमान की आवाजाही होती रहेगी लेकिन इसकी कार्ययोजना इंदौर से संचालित होगी। इससे पहले एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) एयरपोर्ट निजीकरण के पहले दौर में सात एयरपोर्ट का चयन कर चुका है।
कोरोना के बाद से फ्लायर्स हुए कम, घाटा बढ़ा
वर्ष 2019 के अंितम दौर तक डुमना एयरपोर्ट से चलने वाले और बाहर से आने वाले सभी एयरक्राफ्ट फ्लायर्स से फुल चल रहे थे। इस दौरान जबलपुर से अहमदाबाद, कोलकाता, हैदराबाद की नियमित फ्लाइट भी थीं मगर कोरोना संक्रमण काल के दौरान जहाँ इन शहरों से कनेक्टिविटी समाप्त हुई वहीं फ्लायर्स संख्या में भी गिरावट दर्ज हुई जिसका सीधा असर एयरपोर्ट की आय पर पड़ा और डुमना एयरपोर्ट करीब 19.24 करोड़ के घाटे में आ गया। वहीं इस दौर में इंदौर एयरपोर्ट ने 4.47 करोड़ का लाभ कमाया है।
पीपीपी मोड की संसद में की थी वकालत
बताया जाता है कि संसद में फरवरी 2021 में केंद्रीय विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने पीपीपी मोड की वकालत करते हुए कहा था कि एयरपोट्र््स को बेहतर बनाने के लिए भविष्य की रणनीति पर काम करना होगा, जिसमें फुल टर्मिनल एरिया, आय की दर, यात्रियों की संख्या, कुल परिवहन लागत, प्रति यात्री पर होने वाले खर्च, एयर ट्राफिक और कार्गो वॉल्यूम को शामिल किया जाना है।
Created On :   18 March 2021 3:24 PM IST