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डुमना फोरलेन - कितने पेड़ काटे जाएँगे कितने लगेंगे, रिपोर्ट पेश करने मिला समय
हाईकोर्ट ने ट्रिपल आईटीडीएम में हो रहे निर्माण की भी जानकारी माँगी
डिजिटल डेस्क जबलपुर । मप्र हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बैंच ने रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय से डुमना एयरपोर्ट तक बन रही फोरलेन के लिए कितने पेड़ काटे जाएँगे और कितने लगेंगे, इस संबंध में रिपोर्ट पेश करने राज्य सरकार को 10 मार्च तक का समय दे दिया है। इसके साथ डिवीजन बैंच ने राज्य सरकार को ट्रिपल आईटीडीएम में हो रहे निर्माण की भी जानकारी पेश करने का निर्देश दिया है।
यह है मामला
यह जनहित याचिका पर्यावरणविद निकिता खम्परिया ने दायर की है। याचिका में कहा गया है कि रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय से लेकर डुमना एयरपोर्ट तक फोरलेन रोड का निर्माण किया जा रहा है। फोरलेन के लिए हरे-भरे पेड़ों को काटा जा रहा है। पेड़ काटने के लिए विधिवत अनुमति नहीं ली गई है। पिछली सुनवाई के दौरान डिवीजन बैंच ने राज्य सरकार से डुमना पहुँचने के लिए वैकल्पिक मार्गों की रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा था। राज्य सरकार ने रिपोर्ट पेश कर बताया था कि डुमना पहुँचने के लिए पाँच वैकल्पिक मार्ग हैं। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता श्रेयस पंडित ने तर्क दिया कि डुमना को सिटी फॉरेस्ट घोषित किया गया है। यहाँ पर पेड़ काटने के लिए राज्य सरकार की ओर से केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से अनुमति नहीं ली गई है।
प्रमुख सचिव की मौजूदगी में तैयार होगी रिपोर्ट
सुनवाई के दौरान उपमहाधिवक्ता स्वप्निल गांगुली ने बताया कि 6 मार्च को पीडब्ल्यूडी के प्रमुख सचिव जबलपुर आ रहे हैं। उनकी मौजूदगी में रिपोर्ट तैयार की जाएगी कि रादुविवि से डुमना फोरलेन बनाने के लिए कितने पेड़ काटे जाएँगे और कितने लगाए जाएँगे। इसके लिए डिवीजन बैंच से समय दिए जाने का अनुरोध किया गया। डिवीजन बैंच ने रिपोर्ट पेश करने का समय देते हुए राज्य सरकार से ट्रिपल आईटीडीएम में हो रहे निर्माण की भी जानकारी पेश करने के लिए कहा है।
Created On :   26 Feb 2021 2:47 PM IST