जनता को जो फीडबैक देना है उसके लिए भी नगर निगम के कर्मचारियों और अधिकारियों की लगा दी ड्यूटी

Duty imposed by municipal employees and officers for feedback provided to public
जनता को जो फीडबैक देना है उसके लिए भी नगर निगम के कर्मचारियों और अधिकारियों की लगा दी ड्यूटी
जनता को जो फीडबैक देना है उसके लिए भी नगर निगम के कर्मचारियों और अधिकारियों की लगा दी ड्यूटी

अपने सामने फीडबैक दिलवा रहे निगम के अधिकारी, ऐसे में लोग सच नहीं लिख पा रहे, सर्वेक्षण में जीतने का लक्ष्य है लेकिन हकीकत में फिसड्डी है निगम
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
पिछले स्वच्छ सर्वेक्षण में नगर निगम ने फीडबैक में पहला स्थान हासिल किया था, यह उपलब्धि बड़ी मानी गई, भले ही मुख्य सर्वेक्षण में शहर को 17वें स्थान पर संतोष करना पड़ा। अब नया सर्वेक्षण शुरू हो चुका है और निगम ने फीडबैक में पहले से बेहतर प्रदर्शन करने की तैयारी की है। इसके लिए एक तरह से निगम के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की तैनाती की गई है जो कि अपने परिचितों और रिश्तेदारों से शहरहित में फीडबैक करवाएँगे। अब सवाल उठता है कि जब ये अधिकारी और कर्मचारी अपने सामने फीडबैक करवाएँगे तो इससे सच्चाई कैसे सामने आएगी क्योंकि इनके सामने तो लोग वही फीडबैक देंगे जो ये कहेंगे। हालाँकि लगता है कि इस बार इस मामले में भी निगम बुरी तरह फ्लॉप होने वाला है क्योंकि वर्तमान में निगम फीडबैक में 5वें नम्बर पर है। 
स्वच्छ सर्वेक्षण में फीडबैक शुरू हो चुका है, इसके लिए नगर निगम ने कॉलेजों में अभियान की शुरूआत भी कर दी है लेकिन इस बार शहर की सफाई व्यवस्था देखकर ऐसा नहीं लगता है कि लोग अच्छा फीडबैक देंगे। यही कारण है कि नगर निगम ने अपने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को इस कार्य में झोंक दिया है। अब ये कर्मचारी और अधिकारी अपने परिचितों से फीडबैक करवा रहे हैं। वे नगर निगम का हित देख रहे हैं इसलिए पहले ही लोगों को सकारात्मक फीडबैक देने की अपील कर देते हैं और जब वे खुद अपने सामने ही फीडबैक करवा रहे हैं तो लोग चाहकर भी सच्चाई नहीं बयाँ कर पा रहे हैं। 
लोग सच बोलें तो परेशानी हो जाएगी
नगर निगम ने इस बार तो स्वच्छ सर्वेक्षण का ठीक तरह से प्रचार -प्रसार तक नहीं किया है, सार्वजनिक और सामुदायिक शौचालयों की स्थिति किसी से छिपी नहीं है। ओडीएफ प्लसप्लस के सर्वे के दौरान जरूर कुछ सफाई हुई लेकिन अब हालात फिर पहले जैसे हैं। सूखा और गीला कचरा अलग-अलग तो तब डाला जाएगा जब कचरा गाड़ी आएगी, यहाँ तो कई क्षेत्रों में कचरा गाड़ी जाती ही नहीं है और कहीं-कहीं हफ्ते में एक बार। ऐसे में लोग झूठ ही बोलेंगे।
 

Created On :   5 Jan 2021 3:18 PM IST

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