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ईसी ने माँगीं उत्तर पुस्तिकाएँ तो रजिस्ट्रार बोले- इंतजाम करना आपका काम -मेडिकल यूनिवर्सिटी में चल रही पत्रबाजी

जबलपुर । मेडिकल यूनिवर्सिटी में चल रही पत्रबाजी खासी चर्चा में है। यह पत्राचार कुलसचिव और प्रभारी परीक्षा नियंत्रक (एग्जाम कंट्रोलर) के बीच हो रहा है। दरअसल नर्सिंग, एमबीबीएस और आयुष परीक्षाएँ कराने के लिए एक महीने पहले प्रभारी परीक्षा नियंत्रक डॉ. िवशाल भार्गव ने कुलसचिव डॉ. संजय तोतड़े को तीन लाख आंसर कॉपी उपलब्ध कराने का पत्र लिखा था। बीएससी-एमएससी नर्सिंग की परीक्षाएँ शुरू होने के बाद भी कापियाँ उपलब्ध नहीं होने पर १२ फरवरी को कुलसचिव को इस संबंध में फिर पत्र लिखा गया। दो दिन बाद कुलसचिव ने उत्तर पुस्तिकाएँ मँगाने की जिम्मेदारी परीक्षा नियंत्रक की होने का पत्र लिखते हुए परीक्षाएँ समय पर संचालित होने की हिदायत दी।
यह पत्र विश्वविद्यालय में चर्चा का विषय बना हुआ है, जबकि काॅपियों की कमी के कारण कई काॅलेज परीक्षाएँ कराने में खुद को असमर्थ मान रहे हैं। स्टोर का काम देख रहे सहायक कुलसचिव डॉ. पंकज बुधौलिया का कहना है कि बीते शुक्रवार को भोपाल के प्रिंटर को काँपियों का आॅर्डर दे दिया गया है, वहाँ से १०-१२ दिन में उसकी आपूर्ति करने का आश्वासन मिला है। वर्तमान में विश्वविद्यालय द्वारा एमएससी-बीएससी नर्सिंग, एमबीबीएस सेकेंड की परीक्षाएँ चल रही हैं, वहीं २२ फरवरी से आयुष की परीक्षाएँ शुरू होंगी।
किसको क्या अधिकार
इस पत्राचार ने अधिकारियों के कामकाज को फिर से परिभाषित किए जाने की जरूरत उत्पन्न कर दी है। यदि परीक्षा नियंत्रक पर काॅपियों की व्यवस्था करने का दायित्व है तो उनके २१ जनवरी के पत्र के बाद ही यह जानकारी दी जानी थी। बहरहाल रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के परीक्षा विभाग प्रभारी उप कुलसचिव डॉ. दीपेश मिश्रा का कहना है कि परीक्षा नियंत्रक का काम पेपर तैयार करवाना, परीक्षाएँ व रिजल्ट समय पर देने का है। विशेष अधिकार दिए जाने पर ही वह दूसरे संसाधनों को जुटाने का काम कर सकते हैं। काँपियों की डिमांड विभाग से भेजी जाती है, जिसे परचेज सेक्शन के बाद स्टोर से उपलब्ध कराया जाता है।
किसने क्या कहा
> कुलसचिव डॉ. तोतड़े का कहना है कि रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में क्या होता है इसकी उन्हें जानकारी नहीं है, लेकिन मेडिकल यूनिवर्सिटी में प्रभारी परीक्षा नियंत्रक की ही सारी जिम्मेदारी है, इससे वे पीछे नहीं हट सकते। कुलसचिव ने अपने जवाबी पत्र में भी प्रभारी परीक्षा नियंत्रक को यह लिखा है कि उत्तर पुस्तिकाएँ समाप्त होने से काफी पहले ही सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि उन्हें क्रय करने के आदेश प्रकाशक तक चले जाएँ।जिससे समय पर काॅपियाँ उपलब्ध हो सकें।
>प्रभारी परीक्षा नियंत्रक डॉ. भार्गव ने कहा कि विभागीय पत्राचार की जानकारी बाहर कैसे गई यह नहीं जानता, लेकिन यह सच है कि परीक्षाएँ चल रही हैं और काॅपियों की कमी है। कई काॅलेजों ने तो परीक्षाएँ कराने में असमर्थता जताई, आनन-फानन में दूसरे सेंटरों से वहाँ काॅपियाँ पहुँचाई गईं। हमने प्रक्रिया अनुसार एक महीने पहले ही अपनी डिमांड स्वीकृति के लिए भेज दी थी। जल्द काॅपियाँ नहीं मिलीं तो परीक्षाएँ बीच में रोकने की नौबत भी बन सकती है।
Created On :   20 Feb 2020 2:08 PM IST