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हर माह सौ करोड़ रुपए की वसूली के लिए वाझे को कह रहे थे देशमुख
डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अपनी जांच के आधार पर मनी लांड्रिग से जुड़े मामले में राज्य के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख की भूमिका का खुलासा करते हुए दावा किया है कि देशमुख ने बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाझे को बार-रेस्टोरेंट मालिकों से हर माह सौ करोड़ रुपए की वसूली करने के लिए कई बार कहा था। वाझे को अनेकों बार अपने आधिकारी आवास में बुलाया था। यहीं नहीं ईडी ने दावा किया है कि यदि देशमुख को न्यायिक हिरासत में नहीं भेजा गया, तो वे फरार हो सकते हैं। जिसका असर ईडी की जांच व मुकदमे की सुनवाई पर पड़ेगा।
जांच के आधार पर ईडी ने हिरासत आवेदन में दावा किया है कि देशमुख ने अपने विश्वासपात्र निजी सहायक कुंदन शिंदे को वाझे के पास 4.70 करोड़ रुपए लेने के लिए भेजा था। जबकि देशमुख के निजी सचिव संजीव पलांडे उनके निर्देशों को वाझे तक पहुंचाते थे। हिरासत आवेदन के मुताबिक देशमुख बर्खास्त पुलिस अधिकारी वाझे को बार-बार हर माह सौर करोड़ रुपए के वसूली की बात करते थे। जांच में पता चला है कि वाझे की सेवा बहाली के लिए देशमुख ने वाझे से दो करोड़ रुपए मांगे थे। ईडी ने दावा किया है कि अब तक लोगों के दर्ज किए गए बयानों व इकट्ठा किए गए सबूतों तथा जब्त की गई समाग्री के आधारा पर देशमुख मनी लांड्रिंग के आरोपों में दोषी नजर आ रहे है। और उनकी इस मामले में भूमिका भी नजर आ रही है।
सोमवार को कोर्ट को दिए हिरासत आवेदन में कहा है कि शुरुआत में ईडी ने देशमुख को पांच समन भेजे थे। लेकिन वे समन में दी गई तारिख पर वे हाजिर नहीं हुए।यह उनके असहयोग को दर्शाता है। ऐसे में यदि देशमुख को न्यायिक हिरात में नहीं भेजा गया तो वे फिर से फरार हो सकते है। जिसेस ईडी की जांच कुंठित हो जाएगी। इसके अलावा आरोपी राज्य के गृहमंत्री रह चुके है। इसिलए काफी प्रभावशाली व्यक्ति है। इसलिए यदि इन्हें न्यायिक हिरासत में नहीं भेजा गया तो वे सबूतों के साथ छेड़छाड कर सकते है।जिसका सीधा असर जांच पर पड़ेगा। इसलिए आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेजा जाए। इस तरह ईडी के इस हिरासत आवेदन पर गौर करने के बाद कोर्ट ने देशमुख को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
Created On :   15 Nov 2021 7:28 PM IST