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अनिल देशमुख के खिलाफ ईडी ने दर्ज किया मामला, बयान होंगे दर्ज
डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राज्य के पूर्व गृहमंत्री और राकांपा नेता अनिल देशमुख के खिलाफ मनी लांडरिंग रोकथाम अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की है। एक ईडी अधिकारी के मुताबिक पिछले महीने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा देशमुख के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर ईडी ने मामला दर्ज किया है। इस मामले में देशमुख और दूसरे लोगों को जल्द ही बयान दर्ज करने के लिए समन भेजकर बुलाया जाएगा। ईडी पीएमएलए कानून की धारा50 के तहत बयान दर्ज कर सकती है जिसे अदालत में सबूत माना जाता है।मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने देशमुख पर आरोप लगाया था कि उन्होंने पुलिस अधिकारीसचिन वाझे और दूसरे पुलिस अधिकारियों पर दबाव बनाकर मुंबई के बारों और पबों से हर महीने 100 करोड़ रुपए वसूली करवा रहे थे। सिंह ने इस बाबत मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को चिठ्ठी लिखने के साथ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर सीबीआई जांच की मांग की थी। कोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई ने मामले की प्राथमिक जांच की और उसके बाद भ्रष्टाचार के सबूत मिलने का दावा करते हुए देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार और आपराधिक साजिश के आरोप में एफआईआर दर्ज की है। सीबीआई ने देशमुख के घर और दूसरे ठिकानों पर छापेमारी भी की थी। इस मामले में देशमुख के दो बेटों की कुछ कंपनियां भी जांच के घेरे में हैं।
कांग्रेस-राकांपा ने कहा बदले की भावना से कार्रवाई
राकांपा प्रवक्ता और राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री नवाब मलिक ने ईडी द्वारा की गई एफआईआर को राजनीति से प्रेरित बताया। उन्होंने कहा कि ईडी द्वारा दर्ज की गई एफआईआर हो या परमबीर सिंह द्वारा लगाए गए आरोप सभी महाराष्ट्र विकास आघाड़ी सरकार को बदनाम करने की साजिश है। मलिक ने आरोप लगाया कि भाजपा की अगुआई वाली केंद्र सरकार सीबीआई, ईडी जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियों का इस्तेमाल राजनीतिक मकसद के साथ कर रही है। मलिक ने कहा कि देशमुख जांच में पूरा सहयोग करेंगे।महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा कि पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख पर ईडी द्वारा दर्ज की गई एफआईआर मोदी सरकार की गंदी प्रवृत्ति दिखाने वाली और लोकतंत्र के लिए घातक है। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण रोकने में असफल रही मोदी सरकार लोगों का ध्यान दूसरी ओर खींचना चाहती है इसीलिए इस तरह की राजनीतिक बदले की भावना से कार्रवाई की जा रही है। सावंत ने कहा कि सिंह और वाझे ने अपने आरोपों में सिर्फ पैसे मांगने का दावा किया। वे पैसे देने का दावा नहीं कर रहे हैं। पैसे नहीं दिए गए तो छापेमारी और ईडी और सीबीआई की कार्रवाई क्यों की जा रही है। अगर पैसे दिए गए हैं तो सिंह और वाझे के खिलाफ भी कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है।
जांच से डर क्योः भाजपा
भाजपा विधायक अतुल भातखलकर ने पलटवार करते हुए सवाल किया कि अगर देशमुख भ्रष्टाचार में शामिल नहीं हैं तो सत्ताधारी पार्टी के नेता जांच से क्यों डर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सीबीआई को जांच के आदेश हाईकोर्ट ने दिए हैं भाजपा या केंद्र सरकार ने नहीं। देशमुख ने भी कहा है कि वे सच्चाई सामने लाने के लिए जांच के लिए तैयार हैं तो उन्हें सामने आकर जांच का सामना करना चाहिए।
Created On :   11 May 2021 6:50 PM IST