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ईडी ने जब्त की शिवसेना विधायक सरनाईक की 11 करोड़ 40 लाख की संपत्ति
डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शिवसेना विधायक प्रताप सरनाईक को एक और झटका देते हुए उनके ठाणे में स्थित दो फ्लैट और जमीन का एक टुकड़ा जब्त कर लिया है। जब्त संपत्ति की कीमत 11 करोड़ 40 लाख रुपए हैं। नेशनल स्पॉट एक्सचेंज लिमिटेड (एनएसईएल) घोटाला मामले में यह कार्रवाई की गई है। इस मामले में सरनाईक के साथ उनके बेटे विहंग और पूर्वेश तथा परिवार की कंपनी विहंग ग्रुप भी जांच के दायरे में है। मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा द्वारा साल 2013 में दर्ज एफआईआर के आधार पर ईडी ने इसकी छानबीन कर रही है। छानबीन में खुलासा हुआ है कि साल 2012-13 में एनएसईएल और आस्था ग्रुप ने 21.74 करोड़ रुपए विहंग आस्था हाउसिंग प्रोजेक्ट में लगाए। इसमें से 11 करोड़ 35 लाख रुपए विहंग इंटरप्राइजेज और विहंग इंफ्रास्ट्रक्चर प्रायवेट लिमिटेड कंपनियों में ट्रांसफर किए गए। आस्था ग्रुप पर एनएसईएल के 242 करोड़ 66 लाख रुपए बकाया है। ईडी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि छानबीन में खुलासा है कि एनएसईएल से आए पैसों का इस्तेमाल कर सरनाईक ने दो फ्लैट और जमीन खरीदी है इसके चलते उसे पीएमएलए कानून के तहत जब्त कर लिया गया है। एनएसईएल पर 13 हजार से ज्यादा निवेशकों को 5600 करोड़ रुपए का चूना लगाने का आरोप है।
विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव के चलते कार्रवाई
शिवसेना विधायक प्रताप सरनाईक ने अपने खिलाफ हुई ईडी की कार्रवाई पर कहा है कि उन्होंने अभिनेत्री कंगना रनौत और पत्रकार अर्णब गोस्वामी के खिलाफ विधानसभा में विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाया था जिसके चलते उनके खिलाफ केंद्रीय एजेंसी कार्रवाई कर रही है।
विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव को मिली और मोहलत
प्रताप सरनाईक द्वारा साल 2020 में विधानसभा में कंगना रनौत और अर्णब गोस्वामी के खिलाफ पेश किए गए विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पर रिपोर्ट पेश करने के लिए विशेषाधिकार समिति को अगले सत्र के आखिरी दिन तक की मोहलत मिल गई है। विशेषाधिकार हनन समिति के अध्यक्ष दीपक केसरकर ने इससे जुड़ा प्रस्ताव विधानसभा में पेश किया। लेकिन भाजपा के सुधीर मुनगंटीवार ने इस पर नाराजगी जताते हुए कहा कि बार-बार समय सीमा बढ़ाने की मांग क्यों की जा रही है। उन्होंने कहा कि केसरकर पहले वादा करें कि अगले सत्र में समिति रिपोर्ट जरूर सौंपेगी वरना हम समयसीमा बढ़ाने का विरोध करेंगे। केसरकर ने कहा कि अगले सत्र के आखिरी दिन तक रिपोर्ट सौंप दी जाएगी और अतिरिक्त समय नहीं मांगा जाएगा। उन्होंने मामले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई का भी हवाला दिया। इसके बाद ध्वनिमत से समिति को अगले सत्र के आखिरी दिन तक की मोहलत दे दी गई।
Created On :   25 March 2022 9:36 PM IST