बर्फीली हवाओं का असर, पौधों में जम गईं ओस की बूँदें

मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार अभी कम से कम दो दिन और रहेगा शीतलहर कर प्रभाव बर्फीली हवाओं का असर, पौधों में जम गईं ओस की बूँदें

डिजिटल डेस्क जबलपुर। उत्तर भारत से आ रहीं बर्फीली सर्द हवाओं ने सोमवार को भी शहर में अपना पूरा प्रभाव छोड़ा। सोमवार को अब तक बीते सर्दी के सीजन का सबसे कम न्यूनतम तापमान दर्ज िकया गया। 4.8 डिग्री न्यूनतम तापमान दर्ज हुआ जो सामान्य से 6 डिग्री कम रहा। शहर के बाहरी इलाकों में सर्द बर्फीली हवाओं की वजह से हालात ऐसे बने हैं, ओस की बूँदें बर्फ के रूप में पेड़-पत्तियों में जमा हो गईं। कई इलाकों में खुले मैदान और फसलों पर सफेद चादर सी दिखाई देने लगी। जबलपुर में जो न्यूनतम तापमान दर्ज हुआ तो इससे लगे हुये जिलों में यह और नीचे तक पहुँच गया जिसका असर यहाँ भी महसूस िकया जा सकता है। हाड़ कँपा देने वाली इस ठंड का दौर अभी आगे भी जारी रह सकता है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार अभी कम से कम दो दिन और शीतलहर कर प्रभाव देखने मिलेगा। आने वाले 24 घंटों में शीतलहर चलने की संभावना के साथ मौसम शुष्क रहने का अनुमान है।
दलहनी फसलों पर नुकसान की आशंका-
एक्सपर्ट के अनुसार अभी जो शीतलहर जबलपुर और आसपास के जिलों में चल रही है उससे दलहनी फसलों को नुकसान हो सकता है। फसलों पर पाले की मार पड़ सकती है। पाले का आशय यही है िक हवा में मिले हुये सूक्ष्म कण जो अधिक ठंड होने से सफेद तह के रूप पेड़-पौधों के ऊपर जमा हो जाते हैं। इन हालातों में पौधों की बाढ़ मारी जाती है और उसकी क्वॉलिटी पर असर आता है। मटर, दलहनी फसलों पर एक्सपर्ट ने जरूरी उपाय अपनाने की सलाह दी है।
तब मिलेगी कुछ राहत -
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार 2 दिन बाद पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से अभी जो सर्द हवाएँ आ रही हैं इनका रुख बदेलगा। इन हालातों में उत्तर भारत के साथ मध्य एरिया में भी जो अभी न्यूनतम तापमान दर्ज हो रहा है वह कुछ ऊपर जा सकता है। 3 दिनों तक यह वेस्टर्न डिस्टरबेंस प्रभावशील रहेगा। उसके बाद फिर आसमान साफ होगा। हवा का रुख उत्तरी होने पर ही ठंड का असर उसके बाद फिर दिखाई देगा। फिलहाल पूरे प्रदेश में उत्तरी हवाएँ लोगों को झकझोर रही हैं।
बीते सालों में दिसंबर का न्यूनतम तापमान -
2018-4.9
2019-4.4
2020-5.8
2021-4.8
(सभी डिग्री सेल्सियस में)

Created On :   20 Dec 2021 10:56 PM IST

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