पाकिस्तान से अपने बच्चों को लाने की कोशिश में जुटे फिल्म निर्माता से मुलाकात करेंगे विदेश मंत्रालय के अधिकारी

Efforts to bring their children from Pakistan, Foreign Ministry officials to meet filmmaker
पाकिस्तान से अपने बच्चों को लाने की कोशिश में जुटे फिल्म निर्माता से मुलाकात करेंगे विदेश मंत्रालय के अधिकारी
हाईकोर्ट को दी जानकारी पाकिस्तान से अपने बच्चों को लाने की कोशिश में जुटे फिल्म निर्माता से मुलाकात करेंगे विदेश मंत्रालय के अधिकारी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। केंद्रीय विदेश मंत्रालय ने बांबे हाईकोर्ट को सूचित किया है कि मंत्रालय से जुड़े अधिकारी, मुख्य पासपोर्ट अधिकारी व वीजा आवंटन से जुड़े अधिकारी फिल्म निर्माता मुश्ताक नाडियाडवाला से मुलाकात करेंगे। हाईकोर्ट में नाडियाडवाला की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई चल रही है। याचिका में नाडियाडवाला ने मांग कि है कि पाकिस्तान में रह रहे उनके दो बच्चों की सुरक्षित भारत वापसी सुनिश्चित की जाए। याचिका में फिल्म निर्माता ने दावा किया गया है कि उनकी पत्नी व उसके परिवार के सदस्यों ने साल 2020 से उनके नौ साल के बेटे व 6 साल की बेटी को अवैध रुप से अपनी हिरासत में रखा है। याचिका के मुताबिक फिल्म निर्माता की पत्नी पाकिस्तानी नागरिक हैं और लाहौर में रहती है। इसलिए फिल्म निर्माता ने बांबे हाईकोर्ट में बंदीप्रत्यीक्षकरण याचिका दायर कर बच्चों को स्वदेश लाने का निर्देश देने की मांग की है। 

सोमवार को न्यायमूर्ति नीतिन जामदार व न्यायमूर्ति एनआर बोरकर की खंडपीठ के सामने यह याचिका सुनवाई के लिए आयी। इस दौरान एडिशनल सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने कहा कि उन्हें इस याचिका पर जवाब देने के लिए समय दिया जाए। विदेश मंत्रालय से जुड़े अधिकारी याचिका के मुद्दे को लेकर याचिकाकर्ता (नाडियाडवाला) से मुलाकात करेंगे। इस दौरान याचिकाकर्ता के पक्ष को सुना जाएगा। फिर यह तय किया जाएगा इस मामले में क्या कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि हम इस याचिका को अपने विरोध के रुप में नहीं देख रहे है। 

इस पर खंडपीठ ने कहा कि विदेश मंत्रालय के अधिकारी इस मामले में याचिकाकर्ता को अपने साथ जोड़े ताकि याचिकाकर्ता को पता चलता रहे कि इस मामले में क्या कदम उठाए जा रहे हैं। खंडपीठ के इस सुझाव पर एडिशनल सॉलिसिटर जनरल सिंह व याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता बेनी चटर्जी ने सहमति जताई। अधिवक्ता चटर्जी ने कहा कि उनके मुवक्किल चाहते हैं कि विदेश मंत्रालय के अधिकारी पहले उस लोकेशन का पता लगाए जहां याचिकाकर्ता के बच्चों को रखा गया है। ताकि बच्चों की सुरक्षा से जुड़ी चिंता दूर हो सके। इस बीच बच्चों के दादा अपने पोता-पोती को देखे बिना बीते 22 अगस्त को गुजर गए। खंडपीठ ने अब इस याचिका पर सुनवाई 12 सितंबर को रखी है।

याचिका के मुताबिक याचिकाकर्ता की पत्नी 26 नवंबर 2020 को आगंतुक वीजा पर बच्चों के साथ पाकिस्तान गई थी। जिसकी वैधता 13 अक्टूबर 2021 तक थी। किंतु वह अपने पिता की सेहत ठीक न होने का हवाला देकर पाकिस्तान में रह रही हैं। इस बीच पत्नी ने लाहौर कोर्ट में बच्चों की कस्टडी को लेकर आवेदन दायर किया था। लाहौर की कोर्ट ने पत्नी को बच्चों की कस्टडी भी सौप दी है और पत्नी को बच्चों का संरक्षक घोषित कर दिया है। अब ससुरालवाले के प्रभाव के चलते पत्नी व बच्चे पाकिस्तान में रह रहे हैं। याचिका के मुताबिक याचिकाकर्ता के एक बच्चे का पासपोर्ट खत्म हो गया है। जबकि दूसरे बच्चे का पासपोर्ट की अवधि इस साल अक्टूबर में खत्म हो जाएगी। 

याचिका में मांग की गई है कि विदेश मंत्रालय व भारत स्थित पाकिस्तानी उच्चायुक्त को याचिकाकर्ता के बच्चों की सुरक्षित भारत वापसी सुनिश्चित करने के लिए कहा जाए और बच्चों को कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया जाए। क्योंकि इस तरह से पत्नी का बच्चों को अपनी हिरासत में रखना उचित नहीं है। क्योंकि पत्नी को जब यहां बुलाया गया तो उसने वहां आने से मना कर दिया है। इसके अलावा पत्नी ने जानबूझकर अपने रहने का पता भी बदल लिया है। 

 

Created On :   29 Aug 2022 9:30 PM IST

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