दो साल से स्टेशन पर अपनों की तलाश कर रही हैं ये बूढ़ी आंखें

Elderly looking for loved ones, camping at railway station for two years
दो साल से स्टेशन पर अपनों की तलाश कर रही हैं ये बूढ़ी आंखें
दो साल से स्टेशन पर अपनों की तलाश कर रही हैं ये बूढ़ी आंखें

डिजिटल डेस्क, जबलपुर. जबलपुर के रेलवे स्टेशन में पिछले दो साल से एक वृद्धा अपने परिजनों की तलाश में डेरा डाले हुए है। कभी यह वृद्धा सिविल लाइन या फिर इंदिरा मार्केट के आसपास के क्षेत्र में अपनों की तलाश करते हुए मिलती है। 65 साल की यह वृद्धा अपना नाम रानी किशोर बताती है। सोमवार को जब वृद्धा को देख आरपीएफ के निरीक्षक वीरेन्द्र सिंह के निर्देश पर आईएन बघेल की टीम ने उससे पूछताछ की। पूछताछ में पता चला कि वह तो काफी समय से स्टेशन पर रह रही है। वो दो साल पहले अपने परिजनों की खोज के लिए मधुबनी से जबलपुर आई थी। रानी किशोर से स्वयंसेवी संस्था की अंकिता चौरसिया ने बात की तो पता चला कि उसका एक भाई राजू जैकब जो पहले पनागर में रहता था अब जबलपुर में रहता है। उसका एक और भाई ललित जैकब है और उसकी मां सुलोचना पहले एल्गिन अस्पताल में काम करती थी। रानी की दो बच्चे हैं, जिसमें से एक बेटी मानसी किशोर दिल्ली में रहती है। वहीं बेटा भी नौकरी करता है, लेकिन वो अब कहां इसका पता नही चल पा रहा है। रानी इस उम्मीद में है कि एक न एक दिन उसके परिजन मिल जाएंगे।

Created On :   4 July 2017 10:04 AM IST

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