सुप्रीम कोर्ट से पहले चुनाव आयोग न करे कोई फैसला- शिंदे गुट के 16 विधायक होंगे अपात्र

Election Commission should not take any decision before Supreme Court
सुप्रीम कोर्ट से पहले चुनाव आयोग न करे कोई फैसला- शिंदे गुट के 16 विधायक होंगे अपात्र
उद्धव ठाकरे ने की अपील सुप्रीम कोर्ट से पहले चुनाव आयोग न करे कोई फैसला- शिंदे गुट के 16 विधायक होंगे अपात्र

डिजिटल डेस्क, मुंबई। शिवसेना (उद्धव बाला साहेब ठाकरे) पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे ने केंद्रीय चुनाव आयोग से लोकतंत्र बचाने की अपील करते हुए कहा कि आयोग शिंदे गुट के विधायकों की अपात्रता को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले पार्टी व चुनाव चिन्ह की बाबत निर्णय न लें। बुधवार को अपने आवास मातोश्री पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा कि हमारा पक्ष मजबूत है इस लिए हमें विश्वास है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला हमारे ही पक्ष में होगा। उद्धव ने कहा कि पिछले 7 महीने से यह सवाल उठ रहा है की शिवसेना का क्या होगा। उसके चुनाव चिन्ह धनुष बाण का क्या होगा। यह दोनों मामाले दिल्ली दरबार में हैं। सुप्रीम कोर्ट के अलावा चुनाव आयोग ने दोनों पक्षों को सुना है। हमनें चुनाव आयोग के सामने लिखित में भी अपना पक्ष रखा है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि केवल सांसदों-विधायकों से ही पार्टी तय नहीं होती। ऐसा हुआ तो कोई भी उद्योगपति सांसदों-विधायकों की खरीद फरोख्त कर पीएम-सीएम बन जाएगा। ऐसे में लोकतंत्र खत्म हो जाएगा। उन्होंने कहा कि संविधान विशेषज्ञों की माने तो गद्दार गुट (शिंदे गुट) के 16 विधायक अपात्र होंगे। इस लिए मेरी केंद्रीय चुनाव आयोग से अपील है कि वह विधायकों की अपात्रता को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ही अपना निर्णय दे। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले चुनाव आयोग का फैसला नहीं आना चाहिए। उद्धव ने कहा कि शिवसेना प्रमुख का पद सिर्फ स्वर्गीय बाला साहब के लिए है। हमने एक पद बनाया था जिसे नाम दिया"शिवसेना पक्ष प्रमुख।' मैं उसी पद का काम देख रहा हूं और जो गद्दार हैं उन्होंने एक और पद बनाया है। गद्दार अगर यह दावा करते हैं कि चुनकर आए विधायकों के आधार पर पार्टी उनकी है तो यह हास्यास्पद है। उद्धव ने कहा कि 20 जून 2022 को विधान परिषद का चुनाव होने वाला थ। पर भगौड़े व्हिप का उलंघन कर भाग गए। इसके बाद हमने यह मामला कोर्ट में लाया और इसकी सुनवाई14 फऱवरी से लगातर होने वाली है। मुझे उम्मीद है कि इसी माह सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ जाएगा।

इस दौरान शिवसेना सांसद अनिल देसाई ने कहा कि शिंदे गुट के वकीलों ने सुनवाई के दौरान दावा किया था कि विधान परिषद और राज्यसभा के सदस्यों की संख्या को नहीं गिना जा सकता है। लेकिन उनके दावे में कोई तथ्य नहीं था। क्योंकि इससे पहले के मामलों में दोनों सदनों के सदस्यों की गिनती की गई है। देसाई ने कहा कि शिंदे गुट के 40 बागी विधायकों के मुकाबले शिवसेना के पास विधानसभा के 15 विधायकों और विधान परिषद के 12 विधायकों को मिलाकर 27 विधायक हैं। जबकि लोकसभा और राज्यसभा के मिलाकर उद्धव की शिवसेना के पास 9 सांसद हैं।


कुछ लोग सुप्रीम कोर्ट को सलाह और मार्गदर्शन दे रहे- मुख्यमंत्री
उद्धव की इस मांग पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कटाक्ष किया है। रागयड में मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे लिए सुप्रीम कोर्ट का फैसला अंतिम होगा। लेकिन कुछ लोग सुप्रीम कोर्ट का ही मार्गदर्शन कर रहे हैं तो मैं उस पर क्या बोल सकता हूं? मुख्यमंत्री का इशारा उद्धव की ओर था। 
 

Created On :   8 Feb 2023 10:05 PM IST

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