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ग्रामीण को हाथी ने कुचला - जान बचाने मचान से कूदा, लेकिन हाथी पीछे लगा रहा और खेत में कुचल दिया

डिजिटल डेस्क उमरिया । रात में ढाई बजे तक सब कुछ ठीक था। बेटा अन्नू, दो नातिन व बहू खेत के अलग-अलग हिस्से में बने मचान में थे। करीब तीन बजे अन्नू की तरफ रूंधान को तोड़ते हुए हाथी आया। आहट पाकर बेटा सचेत हो गया। चिल्लाते हुए खुद मचान से नीचे छलांग लगा दी। न जाने हाथी को क्या सूझी वह खेत में फसल की तरफ न जाकर बेटे के पीछे दौड़ पड़ा। करीब 30-40 कदम वह भागा। इतने में हाथी ने खेत के बीच अन्नू को पैरो तले कुचल दिया। तलाशते हुए उसे खेत से निकाला। हाथी अकेला था। खेत से बूढ़े पिता वाल्मीक ने ग्रामीणों के साथ उसे मानपुर अस्पताल पहुंचा, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। यह आंखों देखी घटना मृतक के बड़े भाई दयाराम ने बताई।
गांव में शोक की लहर
घटना स्थल पनपथा कोर से सटा हुआ है। गांव में पहाड़ों के ठीक नीचे खेत लगे हुए हैं। पूरे गांव के लोग यही किसानी कर गुजर बसर करते हैं। रविवार सुबह से गांव में लोग युवक को बचाने में जुटे रहे। अस्पताल में मौत की खबर मिलते ही शोक की लहर दौड़ गई। वन विभाग व प्रशासन की टीम गांव पहुंच गई। सुबह करीब 12 बजे सुरक्षा के बीच मृतक युवक का अंतिम संस्कार किया गया।
अनाथ हो गया परिवार
सेहरा गांव में अन्नू केवट का घर आज भी खपरैल मिट्टी का है। परिवार में पत्नी व दो बेटी तथा एक बेटा है। पुत्र मनोज कॉलेज में पढ़ता है। बेटी संजना व संगम गांव में ही पढ़ती हंै। जीविाकोपार्जन का मुख्य साधन खेती है। पिता के गुजरने के बाद परिवार बेसहारा हो चुका है। बांधवगढ़ पार्क प्रबंधन की तरफ से परिवार को वन्यजीव के चलते मृत्यु पर चार लाख देने का आश्वासन दिया गया है।
Created On :   5 Oct 2020 6:19 PM IST