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एल्गार परिषद मामला : एनआईए-राज्य सरकार को हाईकोर्ट का नोटिस, हनी बाबू - तेलतुंबडे व नवलखा की हिरासत बढ़ी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने भीमा कोरेगांव के एल्गार परिषद मामले में आरोपी गौतम नवलखा की ओर से दायर किए गए जमानत आवेदन पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार व राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को नोटिस जारी किया है। इससे पहले एनआईए कोर्ट ने नवलाख की जमानत आवेदन को खारिज कर दिया था। एनआईए कोर्ट में नवलखा ने दावा किया था कि एनआईए ने उसके खिलाफ 90 दिन में आरोप पत्र दायर नहीं किया है। उन्हें बिना आरोप पत्र के तीन महीने हिरासत में रखा गया है। इसलिए वे डिफॉल्ट जमानत के हकदार हैं। लेकिन एनआईए कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि इसे गिरफ्तारी की अवधि में नहीं गिना जा सकता। इस वजह से जमानत आवेदन को खारिज कर दिया था।
एनआईए कोर्ट के इस आदेश के खिलाफ नवलखा ने हाईकोर्ट में अपील की है। शुक्रवार को न्यायमूर्ति एसएस शिंदे की खंडपीठ के सामने नवलखा के जमानत आवेदन पर सुनवाई हुई। याचिका पर गौर करने के बाद खंडपीठ ने राज्य सरकार व एनआईए को नोटिस जारी किया और मामले की सुनवाई 15 सितंबर 2020 तक के लिए स्थगित कर दी। गौरतलब है कि नवलखा ने अप्रैल 2020 को कोर्ट के सामने आत्मसमर्पण किया था।
हनी बाबू, तेलतुंबडे व नवलखा की न्यायिक हिरासत बढ़ी
मुंबई में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत ने एल्गार परिषद मामले में आरोपी व दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर हनी बाबू, आनंद तेलतुंबड़े तथा सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा की न्यायिक हिरासत को 18 सितंबर 2020 तक के लिए बढ़ा दिया है। सभी आरोपियों के हिरासत आवेदन पर विशेष न्यायाधीश ए टी वानखेड़े के सामने सुनवाई हुई। एनआईए की ओर से पैरवी कर रहे विशेष सरकारी वकील प्रकाश शेट्टी ने कहा कि अभी मामले की जांच जारी है। इसलिए इनकी न्यायिक हिरासत को बढ़ाया जाए। इसके बाद न्यायाधीश ने हिरासत की अवधि बढ़ा दी।
Created On :   4 Sept 2020 8:16 PM IST