वॉटर लेवल का मुआयना करने गए इंजीनियर अपनी ही नहर में बहे!

Engineers who went to check the water level flowed in their own canal!
वॉटर लेवल का मुआयना करने गए इंजीनियर अपनी ही नहर में बहे!
सुरक्षित बाहर निकाले, चर्चा का विषय बना घटनाक्रम वॉटर लेवल का मुआयना करने गए इंजीनियर अपनी ही नहर में बहे!



डिजिटल डेस्क जबलपुर। नहर का वॉटर लेवल और सप्लाई देखने के लिए फील्ड पर निकले सब इंजीनियर सोमवार की दोहपर बरगी नहर में बह गए। सुपरवाइजर और एसई को बचाने के लिए ग्रामीणों ने कई तरकीबें लगाईं। शुक्र है कि तीन-चार कोशिशों के बाद ग्रामीणों की तरफ से फेंका गया गमछा पकड़ में आ गया और इस तरह से एक-एक करके दोनों को बाहर निकाला गया। यह घटनाक्रम हर तरफ चर्चा का विषय रहा।
बताया गया है कि रानी अवंतीबाई सागर परियोजना में बरगी से निकलने वाली दाईं तट नहर में इन दिनों खेतों के लिए पानी छोड़ा जा रहा है। पनागर संभाग में पदस्थ सब इंजीनियर एसके वर्मा अपने सुपरवाइजर के साथ दोपहर 12 बजे करीब फील्ड पर निकले। खेतों पर पानी की स्थिति, नहर का बहाव और जलस्तर देखते हुए दोनों नहर के किनारे-किनारे बढ़ते हुए पनागर जनपद में मदना गाँव के करीब पहुँचे।
बहकी बाइक सीधे नीचे उतरी-
दोपहर तकरीबन दो बजे सब इंजीनियर और सुपरवाइजर आगे बढ़ रहे थे तभी अचानक बाइक बहकी और सीधे नहर की ढलान में उतर गई। देखते ही देखते दोनों नहर में समा गए। बहाव तेज होने के कारण बस न चला और दोनों तेजी से आगे बहने लगे।
ऐसे बची जान -
- बहाव के आगे बेबस दोनों कर्मियों ने मदद की गुहार लगानी शुरू की। काफी आगे चलने के बाद खेत में काम कर रहे ग्रामीणों को उनकी आवाज सुनाई दी।
- इसी दौरान कुछ राहगीरों की नजर भी उन पर पड़ गई। मदना के बाहरी हिस्से में नहर के ऊपर बने पुल पर कुछ लोगों की भीड़ लग गई।
- इसी दौरान ग्रामीणों ने गमछे की डोर बनाकर उसे पानी में डाला, लेकिन जब तक यह प्रयास किया जाता दोनों कर्मचारी बहते हुए आगे निकल जाते।
- ऐसी कोशिशें कई बार हुईं। कुछ ग्रामीणों ने किनारे-किनारे तेजी से दौड़ लगाई और ठीक आगे पहुँचकर गमछा फेंका। बमुश्किल से सब इंजीनियर साहब संपर्क में आ गए।
- पहले सब इंजीनियर को बाहर निकाल लिया गया। इसके बाद सुपरवाइजर के लिए भी यह तरकीब कामयाब रही।
सीनियर्स को खबर-
सब इंजीनियर तथा सुपरवाइजर के नहर में बहने की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को दी गई है। अल्प वर्षा के कारण स्टाफ पर काम का दबाव है, संसाधन भी सीमित हैं। शुक्र है कि दोनों कर्मचारियों को बचा लिया गया है।
-आदित्य कुमार वैद्य, एसडीओ, रानी अवंतीबाई सागर परियोजना

Created On :   30 Aug 2021 11:22 PM IST

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