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14 खदानों की पर्यावरण की परमिशन, 33 से धड़ल्ले से निकाली जा रही रेत
डिजिटल डेस्क जबलपुर। रेत खनन में आराध्य ग्रुप द्वारा नियम तोड़कर कई खदानों से खनन किया जा रहा था। जिले में 47 खदानों में से सिर्फ 14 खदानों के लिए ही पर्यावरणीय अनुमति ली गई थी, लेकिन खनन 33 खदानों से भी धड़ल्ले से किया जा रहा था। सीजीएसटी द्वारा की जा रही कार्रवाई में यह बात सामने आई है। जाँच के दौरान हर दिन नये-नये खुलासे हो रहे हैं। दूसरी तरफ अन्य खदानों से जो अवैध रूप रेत निकल रही थी उसकी टीपी भी स्वीकृत खदानों के नाम पर काटकर परिवहन किया जा रहा था। रेत िनकालने के लिए जिले का ठेका 35 करोड़ रुपए में आराध्य लॉजिस्टिक ग्रुप को दिया गया है। ठेके में लगभग 18 से ज्यादा पार्टनर हैं। अब सीजीएसटी की टीम यह जाँच भी कर रही है कि अवैध तरीके से रेत िनकाल कर-
कितना मुनाफा कमाया गया। वहीं यह बात भी सामने आई है कि बारिश के दौरान 30 जून से पूरी तरह से रेत िनकालने पर प्रतिबंध लगा हुआ है लेकिन फिर भी हर दिन सैकड़ों हाइवा रेत शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में पहुँच रही है। भले ही खनिज विभाग कह रहा है कि रेत स्टॉक से आ रही है लेकिन सूत्रों का कहना है कि अभी भी नदियों से रेत की अवैध तरीके से िनकासी जारी है।
जब्त दस्तावेजों का क्रॉस चैक वेरिफिकेशन-
उल्लेखनीय है िक मंगलवार की रात सेन्ट्रल जीएसटी की टीम ने िजले का रेत ठेका संचालित करने वाले आराध्य ग्रुप के राइट टाउन और शताब्दीपुरम स्थित दफ्तरों में छापे मारकर कम्प्यूटर, फाइलें और रेत कारोबार से जुड़े महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए थे। शुरुआती जाँच में आराध्य ग्रुप द्वारा मार्च 2021 से जून के बीच तीन महीनों तक 18 प्रतिशत जीएसटी टैक्स की जगह 5 प्रतिशत ही जमा कराया जा रहा था। लिहाजा 13 प्रतिशत के बकाया टैक्स को लेकर कंपनी से 2 करोड़ की रिकवरी िनकाली गई थी। सूत्रों के अनुसार इस मामले में सीजीएसटी ने खनिज िवभाग से भी आराध्य ग्रुप के ठेके और स्टॉक की जानकारियाँ माँगी थीं, िजसके आधार पर जब्त दस्तावेजों का क्रॉस चैक वेरिफिकेशन कराया जा रहा है। अनुमान है िक इसके बाद टैक्स और पैनाल्टी की रकम बढ़ सकती है।
11 लाख 65 हजार रुपए जमा कराए-
सेन्ट्रल जीएसटी के नोटिस पर गुरुवार को आराध्य ग्रुप ने वकील के माध्यम से सीजीएसटी के सरकारी खाते में 11 लाख 65 हजार रुपए जमा कराए हैं। सूत्रों के अनुसार कंपनी के वकील ने किश्तों के माध्यम से जल्द ही और रकम जमा कराने की बात कही है।
इन खदानों की परमिशन-
जानकारी के अनुसार इनमें सगड़ा-झपनी, माल कछार, कल्याणपुर, सालीवाड़ा, बेल खेड़ी, अमखेदा, छितुरहा, चरगवाँ, महुआ खेड़ा, देवरी कहानी, धरती कछार, कुसली सहित अन्य खदानें शामिल हैं। जहाँ की पर्यावरणीय अनुमति लेकर रेत खनन किया जा रहा है।
जाँच की जा रही है-
सीजीएसटी की जो जाँच चल रही है वह उनकी अलग प्रक्रिया है। हमारी टीम लगातार जाँच करती है जिसमें सिर्फ 14 खदानों से ही रेत निकाले जाने की बात सामने आई है। जो रेत अभी आ रही है वह भी स्टॉक से ही आ रही है। अगर कहीं गड़बड़ी है तो उसकी जाँच की जाएगी और कार्रवाई भी की जाएगी।
प्रदीप ितवारी, जिला खनिज अधिकारी
Created On :   19 Aug 2021 10:03 PM IST