65 साल अधिक उम्र वाले भी फिल्मों में कर सकेंगे काम, हाईकोर्ट की सख्ती के बाद झुकी सरकार 

Even people 65 years of age will be able to work in films
65 साल अधिक उम्र वाले भी फिल्मों में कर सकेंगे काम, हाईकोर्ट की सख्ती के बाद झुकी सरकार 
65 साल अधिक उम्र वाले भी फिल्मों में कर सकेंगे काम, हाईकोर्ट की सख्ती के बाद झुकी सरकार 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य सरकार ने बॉम्बे हाईकोर्ट को सूचित किया है कि 65 साल के ऊपर के लोगों को शुटिंग में काम से रोकने वाले दिशा निर्देशों में बदलाव व सुधार किया जा सकता है। बुधवार को सरकारी वकील पूर्णिमा कंथारिया ने हाईकोर्ट को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि एक अगस्त को लॉकडाउन से जुड़े उपायो व कदमों का जायजा लेने के लिए एक बैठक होनेवाली है। सम्भवतः इस बैठक में दिशा निर्देशों में संसोधन किया जा सकता है। 65 साल से अधिक उम्र वाले कलाकारों को काम से रोकने वाले सरकार की ओर से जारी निर्देश के खिलाफ 69 वर्षीय कलाकार प्रमोद पांडे व इंडियन मोशन पिक्चर्स प्रोड्यूसर एसोसिएशन ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। बुधवार को इन याचिकाओं पर न्यायमूर्ति एसजे काथावाला व न्यायमूर्ति रियाज छागला की खंडपीठ के सामने सुनवाई हुई। 

सरकारी वकील की दलीलों को सुनने के बाद खंडपीठ ने कहा कि सरकार ने 65 साल से ऊपर वाले कलाकारों को काम करने से रोकने के संबंध में जो शासनादेश जारी किया है वह सिफारिशी है या प्रतिबंधक-अनिवार्य ? यदि कोई 65 साल के ऊपर का व्यक्ति घर से बाहर जाएगा तो क्या यह नियमों का उल्लघंन होगा? इसका क्या परिणाम होगा ? क्या उसे दंडित किया जाएगा? 

इन सवालों के जवाब में सरकारी वकील ने कहा कि 65 साल के ऊपर का व्यक्ति घर से बाहर जाता है तो उसके स्वास्थ्य पर दुष्परिणाम हो सकता है। इसलिए उनके हित व उनकी अच्छाई के लिए कुछ दिन के लिए उनसे घर में रहने का निवेदन किया गया है। क्योंकि उन्हें कोरोना संक्रमण का खतरा ज्यादा है। 

वहीं इस दौरान मामले में न्यायमित्र के रुप में पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता शरण जगतियानी ने कहा कि सरकार ने 65 साल के ऊपर के लोगों के कार्य करने पर जो पाबंदी लगाई गई है उसका कोई वैध आधार नहीं है। यह मनमानी व भेदभाव पूर्ण है। यह गरिमापूर्ण जीवन जीने के अधिकार का उल्लंघन है। वहीं याचिकाकर्ता  के वकील अशोक सरावगी ने सरकार के निर्देशों को भेदभावपूर्ण बताया।उन्होंने कहा कि सभी  क्षेत्रो को रियायत के साथ काम की अनुमति है। इस लिहाज से कलाकारों को रोकना अनुचित है। 

सभी पक्षों को सुनने के बाद खंडपीठ ने कहा कि वैसे तो सभी को खतरा है लेकिन सभी को अपनी सेहत की रखवाली का अधिकार है। इस तरह से मामले से जुड़े सभी पक्षों को सुनने के बाद खंडपीठ ने याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित कर लिया
 

Created On :   29 July 2020 7:39 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story