गडचिरोली से कम होता है मुंबई में मतदान, वोटिंग के लिए विकलांग मतदाताओं को लेने आएगा वाहन

Every election less voting in Mumbai as comparison to Gadchiroli
गडचिरोली से कम होता है मुंबई में मतदान, वोटिंग के लिए विकलांग मतदाताओं को लेने आएगा वाहन
गडचिरोली से कम होता है मुंबई में मतदान, वोटिंग के लिए विकलांग मतदाताओं को लेने आएगा वाहन

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मतदान के मामले में देश की आर्थिक राजधानी मुंबई महाराष्ट्र के नक्सलग्रस्त इलाके गडचिरोली से भी पिछे रहती है। इस लिए महानगर में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए चुनाव आयोग ने कई तरह के उपाय कर रहा है। बच्चों से कहा जा रहा है कि अपने मां-पिता और रिश्तेदारों को वोट करने के लिए प्रेरित करें। साथ ही विकलांग मतदाताओं को उनके घर से मतदान केंद्र तक लाने के लिए आयोग वाहनों की भी व्यवस्था करेगा। इसके लिए मतदान के दिन जिलाधिकारी कार्यालय किराए का आटोरिक्शा इस्तेमाल करने वाला है। हर बार मतदान के बाद पता चलता है कि मतदान के मामले में मुंबई शहर राज्य के दूर दराज के पिछड़े माने जाने वाले इलाकों से भी पिछड़ा है। इस लिए चुनाव आयोग महानगर में मतदान बढ़ाने के लिए कई उपाय करता है। इस बार भी इस तरह के कई उपाय किए जा रहे हैं। मतदान के दिन दिव्यांग मतदाता भी मतदान कर सके इसके लिए इस साल विशेष व्यवस्था की गई है। दिव्यांग मतदाता को बूथ तक लाने और बूथ से  घर तक छोड़ने की व्यवस्था चुनाव आयोग कर रहा है। इसके लिए मुंबई उपनगर  रजिला ने विशेष हेल्पलाइन नंब 9869 515 952, 8655 235 714 और 022 2651 0220 जारी किया है।

इस नंबर पर दिव्यांग व्यक्ति कॉल कर अथवा मैसेज कर पहले अपना रजिस्ट्रेशन करा ले। रजिस्ट्रेशन में दिव्यांग व्यक्ति को अपना नाम, मतदान बूथ क्रमांक इत्यादि बुनियादी जानकारी देनी होगी। मतदाता के एक दिए पहले या मतदान के दिन दिव्यांग मतदाता के मोबाइल नंबर पर मैसेज आ जाएगा। उस मैसेज में लिखा होगा कि कौन सी नंबर की गाड़ी आपकों लेने के लिए आ रही है और वह कितने बजे आएंगी। मतदान के पश्चात वही गाड़ी उसे घर भी छोड़ेगी। उस गाड़ी में दिव्यांग मतदाता के साथ एक व्यक्ति भी बैठकर मतदान केंद्र तक आ सकता है। मतदान के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए आयोग ने ‘सेल्फी विथ पैरेंट" की परिकल्पना तैयार की है। जिसके तहत परिजनों के वोट डालने के बाद उनकी स्याही लगी अंगुली के साथ सेल्फी बच्चे सेल्फी लेंगे। 

विदर्भ में कम मतदान से बढ़ी चिंता

दरअसल लोकसभा चुनाव के पहले चरण में मतदान का प्रतिशत कम होने से चुनाव आयोग की चिंताएं बढ़ गईं है। वोटिंग बढ़ाने के लिए चुनाव आयोग से लेकर जिला कार्यालय नए प्रयोग कर रहा है। खेल मैदानों से रेलवे, बस अड्डा, एयरपोर्ट, स्कूल-कॉलेज तक अधिकारी पहुंच रहे हैं। एनजीओं की भी मदद ली जा रही है। आंगनबाड़ी कर्मचारियों से लेकर सफाई कर्मियों का भी मतदान  प्रतिशत बढ़ाने के लिए मदद ली जा रहीमतदान को बढावा देने वाले नारे लिखी कपड़े की थैलियों वितरित की जा रही हैं। हवाई जहाज के भीतर और रेल स्टेशनों पर मतदान करने की अपील की जा ही है और सिनेमाघरों में भी इससे संबधित लघु फिल्म दिखाई जा रही है। मुंबई उपनगर के जिलाधिकारी सचिन कुर्वे ने बताया कि मुंबई उपनगर जिले में ही करीब 4,000 दिव्यांग मतदाता है। हम मुंबई उपनगर जिले के प्रत्येक मतदाता तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। हमारा एक ही मकसद है ज्यादा से ज्यादा वोटिंग हो।

मुंबई में मतदान           (2014)

उत्तर मुंबई                 53.07 प्रतिशत
उत्तर पश्चिम मुंबई     50.57
उत्तर पूर्व मुंबई           51.70
उत्तर मध्य मुंबई        48.67
दक्षिम मध्य मुंबई       53.09
दक्षिण मुंबई               52.49
गडचिरोली                 70.04
 

Created On :   16 April 2019 2:31 PM GMT

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