नए साल के जश्न में जमकर बहेगी शराब! आबकारी विभाग सतर्क

Excise department alert for illegal liquor during new year celebration
नए साल के जश्न में जमकर बहेगी शराब! आबकारी विभाग सतर्क
नए साल के जश्न में जमकर बहेगी शराब! आबकारी विभाग सतर्क

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। नए साल के जश्न के आगाज़ को अभी लगभग एक दिन बाकी है और इससे पहले ही आबकारी विभाग अवैध शराब बिक्री की जांच करने मैदान में उतर आया है। आबकारी सूत्रों ने बताया है कि हर बार की तरह इस बार भी नए साल के जश्न में जमकर अवैध शराब की तस्करी होगी। इसके लिए पूरी टीम तैयार है। आबकारी कंट्रोल रुम प्रभारी पीके जैन के अनुसार,  नवबर्ष की पूर्व संध्या में शहर में शराबियों की धरपकड़ ओर शहर में शांति बनाए रखने हेतु से शहर के विभिन्न क्षेत्रों के होटलों व ढाबो की शनिवार को आकस्मिक जांच की गई।

इस दौरान उन तमाम संदिग्ध स्थलों पर छापे मारे गए जहां अवैध शराब बिक्री या भंडार की आशंका थी। इसके तहत जिसमें वृत क्रमांक 5 अंतर्गत जबलपुर मण्डला रोड पर बिलहरी तिलहरी स्थित अर्क रेस्टारेंट, डॉल्फिन रेस्टारेंट, पापी पेट रेस्टॉरेन्ट, मोतीमहल डीलक्स का निरीक्षण किया गया। इन सभी जगहों पर शराब या इसका सेवन करते हुए कोई नहीं मिला। रेस्टोरेंट संचालकों को बताया गया कि बिना लाइसेंस के वे किसी को भी शराब न परोसें, अन्यथा कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।

रेस्टॉरेन्ट मालिकों की सख्त हिदायत दी गई गड़बड़ी मिलने पर फुड लाइसेंस को रद्द भी किया जा सकता है। वहीं गश्त के दौरान संजय नगर सदर मोदीवाड़ा से 42 पाव जब्त कर आरोपियों की विरुद्ध कार्रवाई की गई। कार्रवाई के दौरान सहायक जिला आबकारी अधिकारी पवन झारिया, रामजी पाण्डे, जीडी लाहौरिया, भारती गोंड़, आबकारी उप निरीक्षक नीरज दुबे, सुधीर मिश्रा, आरएस मरावी, रामायण द्विवेदी आदि मौजूद रहे।

लाइसेंस पर बेची नहीं जा सकती शराब!
उधर जानकारों की माने तो, आकस्मिक लाइसेंस के नियमों में शराब परोसने की बात कही गई है, न कि शराब बेचने की। इस लिहाज से यदि कोई रेस्टोरेंट या होटल संचालक शराब परोस कर उसकी राशि वसूलता है तो उसका बिल में उल्लेख किया जाना चाहिए। इसके साथ ही सील पैक्ड बॉटल की बिक्री करने का प्रावधान नहीं है। लेकिन सूत्रों की माने तो न्यू इयर पर पार्टी आयोजित करने वाले अधिकांश होटल व रेस्टोरेंट संचालक बिल में शराब परोसने का जिक्र नहीं करते, जो नियम विरुद्ध है। सूत्र कहते हैं कि नियम तोड़ने का यह सिलसिला अमूमन हर वर्ष चलता है पर इस दिशा में जिम्मेदारों का रवैया उदासीन ही बना रहता है।

Created On :   31 Dec 2017 12:28 AM IST

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