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खुलेआम जहां छलकते हैं जाम, एक्साइज विभाग कर देता है नजरअंदाज, चुनिंदा होटलों पर कार्रवाई
डिजिटल डेस्क, नागपुर। स्टेट एक्साइज विभाग ने एक बार फिर होटल में भोजन के साथ शराब पिलाने वाले होटल मालिक व जगह मालिक दोनों पर कार्रवाई करने की चेतावनी दी है। विभाग कार्रवाई की बात तो करता है, लेकिन शराब पिलाने के लिए कुख्यात भोजनालयों पर कार्रवाई करने से परहेज करता है। चुनाव के दौरान बार-बार चुनिंदा होटलों को ही निशाना बनाया गया, जबकि शराब पिलाने में माहिर भोजनालयों पर एक भी कार्रवाई नहीं की गई।
एक सप्ताह में नहीं हुई कोई बड़ी कार्रवाई
विभाग ने दावा किया कि, होटल में शराब पीने वाले 300 शराबियों पर जुर्माना लगाने से सार्वजनिक स्थानों पर शराब पीने पर काफी हद तक काबू पाया गया है। विभाग अगर बियर शॉपी के पास जमा शराबियों की भीड़ देखे, तो विभाग के दावे की पोल खुल जाएगी। गुरुदेव नगर, म्हालगीनगर समेत शहर के अधिकांश बियर शॉपी के पास रात को शराबियों का जमघट रहता है। सभ्रांत परिवार के लोगों का यहां से जाना मुश्किल हाे जाता है। सावजी भोजनालयों में कबाब के साथ शराब का नजारा सामान्य बात है। सावजी भोजनालयों को बियर बार के लाइसेंस देने के मुद्दे पर उठे विवाद के बाद आबकारी मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने स्पष्ट किया था कि, कलेक्टर की अध्यक्षतावाली कमेटी के निकष पर जो खरा उतरेगा, उसे ही बार का लाइसेंस मिलेगा। स्टेट एक्साइज विभाग नागपुर के अधीक्षक प्रमोद सोनोने ने गैरकानूनी तरीके से शराब पिलाने वाले होटल व जगह मालिक दोनों पर कार्रवाई करने की चेतावनी दी है। विभाग ने पुलिस को साथ लेकर चुनाव के दौरान चुनिंदा होटलों पर जरूर कार्रवाई की है। अक्टूबर-2018 से अक्टूबर-2019 तक महाराष्ट्र शराब बंदी कानून 1949 के तहत धारा 84 के तहत जिले में 300 शराबियों पर मामला दर्ज किया गया।
एक भी नहीं हुआ तड़ीपार
स्टेट एक्साइज विभाग ने गैरकानूनी तरीके से शराब बेचते हुए दो बार से ज्यादा बार पकड़े जाने पर तड़ीपार करने की चेतावनी दी थी। तड़ीपार का प्रस्ताव संबंधित एसडीओ को भेजकर आदतन आरोपियों को तड़ीपार करने की प्रक्रिया में तेजी लाने का दावा किया था। विभाग की तरफ से 50 से ज्यादा प्रस्ताव एसडीआे के पास गए, लेकिन जिले में अभी तक कोई आदतन अवैध शराब विक्रेता तड़ीपार होने की जानकारी नहीं है। विभाग का कहना है कि, प्रस्ताव एसडीओ के पास लंबित है।
पुलिस व सेना से लेंगे हथियार चलाने की ट्रेनिंग
कर्मचारी व अधिकारियों को काम में और सक्षम बनाने व बड़ी कार्रवाई के वक्त कोई परेशानी खड़ी न हो, इसलिए पुलिस व सेना से हथियार चलाने का ट्रेनिंग विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों को दी जाएगी। विभाग के सभी कार्यकारी-अधिकारियों के पास हथियार हैं, लेकिन उसका इस्तेमाल नहीं होने की जानकारी विभाग ने दी है। बड़ी कार्रवाई के दौरान हथियार के इस्तेमाल की जरूरत पड़ी, तो उस वक्त परेशानी खड़ी न हो, इसलिए हथियार चलाने की ट्रेनिंग लेने की सफाई दी गई है। अपराधी सजा से न बचे, इसलिए उचित धाराआें के तहत कार्रवाई होगी। अधिकारी-कर्मचारियों का मनोबल बढ़ाने के लिए विशेष अभ्यास शिविर व उपक्रम चलाए जाएंगे।
Created On :   5 Nov 2019 12:47 PM IST