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खटुआ हत्याकाण्ड में हर बार बहानेबाजी नहीं चलेगी, आरोपियों को पकडऩे
मृतक की पत्नी की याचिका पर हाईकोर्ट ने लगाई जबलपुर पुलिस को फटकार,सुनवाई 17 दिसंबर को
जिटल डेस्क जबलपुर । जीसीएफ के चार्जमैन एससी खटुआ की हत्या के आरोपियों की गिरफ्तारी न हो पाने पर हाईकोर्ट ने मंगलवार को जबलपुर पुलिस को कड़ी फटकार लगाई। जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की एकलपीठ ने पुलिस द्वारा अब तक पेश की गईं रिपोट्र्स को निरर्थक बताते हुए साफ तौर पर कहा कि आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए यह आखिरी मौका है। यदि पुलिस ऐसा न कर सकी तो अगली पेशी पर मामला सीबीआई को सौंप ही दिया जाएगा। इस मत के साथ अदालत ने मामले की सुनवाई 17 दिसंबर को निर्धारित की है।
मौसमी खटुआ की ओर से दायर इस याचिका में कहा गया है कि उसके पति एससी खटुआ (अब स्वर्गीय) जीसीएफ फैक्ट्री में कार्यरत थे और धनुष तोप में इस्तेमाल होने वाली चीनी बैरिंग के मामले में उन्हें संदिग्ध मानकर उनसे पूछताछ की जा रही थी। 17 जनवरी 2019 की सुबह उसके पति घर से निकले लेकिन वापस नहीं लौटे। उनके लापता होने की रिपोर्ट उसी दिन घमापुर थाने में दर्ज कराई गयी थी। इसके बीस दिन बाद उसके पति की क्षत-विक्षिप्त लाश
शासकीय निवास से एक किलोमीटर दूर पंप हाउस के पास 5 फरवरी 19 को मिली। याचिकाकर्ता का आरोप है कि उसके पति की हत्या के तार धनुष आर्टलरी गन की सीबीआई जांच से जुड़े हुए है। हत्या का प्रकरण दर्ज होने के आठ माह बाद भी जबलपुर पुलिस आरोपियों का कोई सुराग नहीं ढूंढ पाई। इन आधारों के साथ याचिका में हत्याकाण्ड की जांच सीबीआई से कराए जाने की प्रार्थना हाईकोर्ट से की गई है।
मामले पर मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान जबलपुर पुलिस की ओर से एक बार फिर से समय चाहा गया। अदालत ने कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि इस मामले पर 30 सितंबर और 4 नवम्बर को जबलपुर पुलिस को मौके दिए थे। उसके बाद भी पुलिस अब तक आरोपियों को नहीं पकड़ सकी। अदालत ने कहा है कि पुलिस यदि 17 दिसंबर तक आरोपियों को नहीं पकड़ पाई तो मामला सीबीआई को सौंप ही दिया जाएगा। याचिकाकर्ता महिला ओर से अधिवक्ता मुकेश मिश्रा व केके रजक पैरवी कर रहे हैं।
Created On :   4 Dec 2019 1:48 PM IST