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खतरे में जिले के 324 मामा तालाबों का अस्तित्व, मरम्मत के लिए चाहिए 57 करोड़ रुपए
डिजिटल डेस्क, गोंदिया . जिले को तालाबों का जिला कहा जाता है, लेकिन समय पर उचित मरम्मत नहीं होने के कारण तालाबों का अस्तित्व खतरे में आ गया है। जिले के 324 तालाबों की मरम्मत कर वॉटर बैंक तैयार करने के लिए करोड़ों रुपए के निधि की आवश्यकता है। प्रशासन ने तालाबों की मरम्मत के लिए 57 करोड़ रुपए की डिमांड शासन के पास रखी है। लेकिन वर्षो बीत गए तालाबों को निधि नहीं मिली है। जिससे इन तालाबों का अस्तित्व खतरे में आ गया है। बता दें कि गोंदिया जिले के प्रत्येक गांवों में तालाब तथा छोटे-बड़े नाले निर्मित है। जहां गांव वहां तालाब दिखाई देगा। इसीलिए गोंदिया जिले को तालाबों का जिला भी कहा जाता है। बताया गया है कि जिले में 1421 मामा तालाब निर्मित है। इसी प्रकार 9 मध्यम प्रकल्प, 23 लघु प्रकल्प, 192 लघु सिंचाई, 26 पाजर तालाब, 294 कोल्हापुरी बांध, 559 संग्रहित बांध व 41 सीमेंट के नाले निर्मित है।
तालाबों से खेती को सिंचाई के साथ पशुधन तथा मनुष्योें को पानी उपलब्ध किया जाता है। जंगली जानवर भी इन तालाबों से अपनी प्यास बुझाते है। 150 वर्ष पूर्व से तालाबों का निर्माण गोंदिया जिले में किया गया है। लेकिन समय पर उचित मरम्मत नहीं होने के कारण अधिकांश मामा तालाब समतल हो चुके है। जिस कारण बारिश का संग्रहीत पानी ग्रीष्मकाल के पूर्व ही सूख जाता है। पानी उपलब्ध नहीं होने के कारण सिंचाई क्षमता कम हो गई है। ग्रीष्मकाल तथा बारिश के दौरान खेती को पानी समय पर नहीं मिलने से एक पानी के लिए फसल का उत्पादन कम हो जाता है। जिसे देखते हुए जिला प्रशासन ने मामा तालाबों की मरम्मत कर तालाबों में वॉटर बैंक बनाने के लिए 57 करोड़ रूपए के निधी की डीमांड शासन के समक्ष की है। लेकिन वर्षो बीत गए मांगी गई निधी शासन द्वारा अभी तक नहीं दी गई है। यदि निधी नहीं मिलेगी तो मामा तालाबों का अस्तित्व नष्ट हो जाएगा।
मांगी गई निधि
जी. बिसेन, अभियंता, सिंचाई विभाग, जिप के मुताबिक जिले के मामा तालाबों की मरम्मत कराने के लिए सिंचाई विभाग की ओर से निधि की मांग की गई है। लगभग 57 करोड़ रुपए की डीमांड शासन के समक्ष रखी गई है। निधि उपलब्ध होते ही आगे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
Created On :   29 Nov 2022 7:26 PM IST