Gondia News: गोंदिया में 50 हजार हेक्टेयर की फसल बारिश ने की चौपट, लेकिन जलाशयों को नहीं भर पाई

गोंदिया में 50 हजार हेक्टेयर की फसल बारिश ने की चौपट, लेकिन जलाशयों को नहीं भर पाई
  • इटियाडोह में 16.17 प्रतिशत, सिरपुरबांध में 2.78 , कालीसराड में 0.34 , पुजारीटोला में 34.57 फीसदी जल भंडारण
  • समय से पूर्व मानसून के सक्रिय होने से किसान परेशानी में

Gondia News पिछले एक सप्ताह से जिले में रूक-रूककर हो रही बारिश के कारण किसान धान के फसल की कटाई नहीं कर पा रहे हंै। बारिश के कारण खेतों में काटकर चुराई के लिए सुखाने हेतु रखी गई धान की फसल भी गीली हो गई। जिससे उसकी गुणवत्ता पर अत्यल्प प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। ऐसे में यह धान शासकीय धान खरीदी केंद्रों पर भी खरीदा नहीं जाएगा। मानूसन पूर्व बारिश से जिले के किसान आर्थिक संकट में फंस गए हैं। इस बारिश जिले के जलाशयों का जलस्तर नहीं बढ़ा। जिले में इस वर्ष 50 हजार हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में ग्रीष्मकालीन मौसम में धान एवं अन्य फसलंे किसानों द्वारा लगाई गई थी। इस समय धान की कटाई एवं चुराई का काम चल रहा है। लेकिन समय से पूर्व मानसून के सक्रिय हो जाने के कारण किसान परेशानी में आ गए हंै।

अनेक किसानों ने धान की कटाई कर चुराई का काम पूरा भी कर लिया है। लेकिन अनेक किसान ऐसे हैं, जिन्होने हार्वेस्टर के माध्यम से धान की कटाई कर उसे सूखने के लिए खेतों में ही रख दिया था। लेकिन दो दिन पूर्व आयी बारिश ने खेत में रखे धान को पूरी तरह भीगा दिया। अब स्थिति यह है कि जिले के किसान जहां जगह मिले वहीं काटे गए धान को सुखाने का प्रयास कर रहे हैं, ताकि जल्द से जल्द कम-ज्यादा जैसी भी फसल हो वह उनके हाथ में आ जाए। गोंदिया जिले में समय से पूर्व मानसून के सक्रिय होने से रूक-रूक कर बारिश पिछले कई दिनों से हो रही है। इस बारिश ने ग्रीष्मकालीन धान की फसल लगाने वाले किसानों को काफी नुकसान पहुंचाया है।

लेकिन इस बारिश से जिले के प्रमुख जलाशयों की प्यास बुझी नहीं है। बाघ इटियाडोह सिंचाई विभाग से ली गई जानकारी के अनुसार 31 मई को दोपहर 3 बजे तक जिले के प्रमुख जलाशयों में से अर्जुनी मोरगांव तहसील के इटियाडोह जलाशय में 16.17 प्रतिशत, देवरी तहसील के सिरपुरबांध में 2.78 प्रतिशत, सालेकसा तहसील के कालीसराड जलाशय में मात्र 0.34 प्रतिशत एवं पुजारीटोला में 34.57 प्रतिशत एवं मध्यप्रदेश के संजय सरोवर में 3.61 प्रतिशत उपयुक्त जल भंडारण दर्ज किया गया है।

Created On :   1 Jun 2025 6:32 PM IST

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