गाज की घटनाओं की जांच करेंगे विशेषज्ञ, अब तक नौ लोगों ने गवाई जान, 50 से अधिक पशुओं की भी मृत्यु

डिजिटल डेस्क, भंडार। इस वर्ष मानसून आरंभ होते ही जिले में गाज गिरने का सिलसिला शुरू हुआ। गाज गिरने से जितनी मृत्यु दो या तीन वर्ष में होती है उतनी मानसून के एक माह में ही हो गई।पशुओं को भी जान गवानी पड़ी। जिले में गाज गिरने से एक माह में कुल नौ मृत्यु हो गई। जिसमें पाच मृत्यु मोहाडी तहसील की है। यह आकड़ा जिला प्रशासन व आम नागरिकों को भी डराने वाला है।परिणामवश जिला प्रशासन ने गिरने के कारणों का पता लगाने विशेषज्ञों द्वारा जांच करने की निर्णय लिया है।
लगभग एक माह में विशेषज्ञों की समिति जांच कर अचानक गाज गिरने की घटनाओं में हुई वृध्दी का पता लगाएगी।
इस बार जितनी गाज गिरने की घटनाएं हुई है उन सभी में एक समानता यह देखी गई है कि सभी मृतक मैदानी क्षेत्र में थे, अचानक मौसम बदला बिजली की कडकडाहट शुरू हुई और गाज गिरने से मृत्यु हो गई। गाज केवल मनुष्य या पशुओं पर ही नही गिरी है इससे मकानों, बिजली के खंबों का भी नुकसान हुआ है। जिला प्रशासन नियम अनुसार केवल मनुष्य हानी का रिकार्ड रखता है। इस बार गाज से कुल नौ लोगों की मृत्यु हो गई है। सर्वाधिक पाच मृत्यु मोहाडी तहसील में हुई है। इसी तरह पवनी, तुमसर, लाखनी व लाखांदुर तहसील में प्रति एक ऐसे कुल नौ मृत्यु हुई है। मृतक यह खेत में काम कर रहे थे या खेतों के आसपास पेड के निचे थे। जिन पशुओं को मृत्यु हुई है वह सभी पेड के निचे बांधकर रखे थे, गाज से मृत्यु की घटनाओं ने प्रशासन व आम नागरिकों को सोचने पर मजबुर कर दिया,
ऐसे में अचानक बढी गाज की घटनाओं का पता लगाने जिलाधिकारी कार्यालय द्वारा विशेषज्ञों की मदद लेने का निर्णय लिया है। यह समिति लगभग एक माह में कारनों का ठोस पता लगाएगी।जिससे भविष्य में ऐसी घटनाओं को कम करने में मदद मिल सकेगी।
प्रशासन जांच कर रहा है
अभिषेक नामदास, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी के मुताबिक गाज गिरने से जितनी मृत्यु एक माह में हुई है यह कोई साधारण बात नही है। ऐसे में गाज गिरने की घटनाओं में हुई वृध्दी का पता लगाना जरूरी है। इस लिए विशेषज्ञों की मदद ले रहे है। सही कारनों का पता लगाने पर उचित प्रबंधन कर ऐसी घटनाओं को टाला जा सकेगा।
कब कितनी मृत्यु हुई
वर्ष मृत्यु
2013 3
2014 2
2015 2
2016 4
2017 5
2018 4
2019 2
2020 4
2021 6
2022 9
वर्ष 1994 के बाद जिले ने वर्ष 2020 में जिले बाढ की भयंकर त्रासदी झेली। लेकिन इस वर्ष भी जिले में गाज की घटनाएं उतनी नही थी। वर्ष 2020 में गाज गिरने से केवल चार मौते हुई थी। अब इस वर्ष एक माह में ही नौ मृत्यु हो गई।
डूबने से तीन की मृत्यु
प्राकृतिक आपदा केवल गाज के रूप में ही नही झेलनी पड़ी। इस बार गत पंद्रहा दिनों में ही बहकर जाने से तीन लोगों की मृत्यु हुई है। इनमें से दो तुमसर तहसील व एक पवनी तहसील में हुई है। एक 11 वर्ष के छात्र की डूबने से जान गई।
Created On :   22 July 2022 6:15 PM IST