गैस सिलेंडर फटने से धमाका, धारावी में 15 जख्मी- पांच की हालत गंभीर

Explosion due to gas cylinder burst, 15 injured in Dharavi - five critical
गैस सिलेंडर फटने से धमाका, धारावी में 15 जख्मी- पांच की हालत गंभीर
मुंबई गैस सिलेंडर फटने से धमाका, धारावी में 15 जख्मी- पांच की हालत गंभीर

डिजिटल डेस्क, नागपुर। एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती धारावी के एक घर के बाहर रखे रसोई गैस सिलेंडर में धमाके के बाद आग लगने से 15 लोग जख्मी हो गए। घायलों में से पांच की हालत गंभीर है जबकि अन्य 10 मामूली रूप से झुलसे हुए हैं। घायलों में तीन बच्चे भी शामिल हैं। हादसा रविवार दोपहर साढ़े 12 बजे के करीब हुआ। घायलों को इलाज के लिए सायन अस्पताल में भर्ती कराया गया है। दमकल विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि पहली नजर में हादसा गैस लीक होने के चलते हुआ लग रहा है। धारावी के शाहू नगर इलाके में मुबारक होटल के सामने स्थित एक घर में हुए धमाके के बाद अफरा तफरी मच गई। साथ ही आसपास के घरों में भी आग लग गई। सूचना मिलने के बाद मौके पहुंची दमकल की गाड़ियों की मदद से जल्द ही आग पर काबू पा लिया गया लेकिन धमाके और उसके बाद लगी आग के चलते कई लोग झुलस गए। प्राथमिक जानकारी के मुताबिक गैस सिलेंडर लीक कर रहा था। घर वालों को इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने सिलेंडर घर के बाहर रख दिया। लेकिन इसी बीच लगातार गैस लीक होने के चलते उसमें धमाका हो गया। हादसे में जख्मी सतारादेवी जैस्वाल(40), शौकत अली(58), सोनू जैस्वाल(8), अंजू गौतम (28) और प्रेेम जैस्वाल (32) की हालत गंभीर बताई जा रही है जबकि अन्य 10 लोग भी वारदात में झुलसे हैं।

नागपुर में सिंटेक्स कंपनी में लापरवाही का मामला, आग से झुलसे 1 कामगार की मौत, 1 गंभीर

उधर नागपुर के एमआईडीसी क्षेत्र की सिंटेक्स बीएपीएल कंपनी प्रबंधन की लापरवाही के चलते कंपनी में 20 अगस्त को हुए हादसे में एक कामगार की मौत हो गई। कार्यस्थल पर सुरक्षा साधनों की कमी के चलते एक कामगार को अपनी जान गंवानी पड़ी। एक कामगार गंभीर रूप से घायल है। उसका उपचार नागपुर के मेडिकल अस्पताल में शुरू है। मृतक का नाम दिनेश ईश्वर बंसोड़ (35), ड्रीम कॉलोनी क्र.-2 सातगांव, तहसील हिंगना निवासी है। घायल कामगार उत्तम सीताराम मरमटे (39), छोटी बोरी निवासी है।

90 प्रतिशत झुलसा

घटना की जानकारी मिलते ही कुछ कामगार घटनास्थल की और दौड़े और दोनों को बचाने की कोशिश की, लेकिन  तब तक दिनेश 90 प्रतिशत झुलस गया था। उत्तम 10 प्रतिशत झुलसा। दोनों को इलाज के लिए बुटीबोरी के माया हॉस्पिटल ले जाया गया। चूंकि दिनेश ज्यादा झुलसा था, उसे माया हॉस्पिटल में भर्ती नहीं किया गया। बाद में उसे मेडिकल अस्पताल ले जाया गया, लेकिन रात में मेडिकल में उसे भर्ती न कर उसे ऑरेंज सिटी हॉस्पिटल भेजा गया। इस आपाधापी में काफी विलंब होने से 23 अगस्त को सुबह 11.30 बजे के करीब दिनेश की मौत हो गई। घटना की सूचना  मिलते ही बुटीबोरी एमआईडीसी  पुलिस ने पंचनामा कर अर्पित रामटेके नामक सेफ्टी ऑफिसर पर धारा 287, 338, 304 अ के तहत अपराध दर्ज किया है। आगे की जांच उप-निरीक्षक पल्लवी काकड़े कर रही हैं। घटना के बाद कुछ कामगारों ने बताया कि, कामगारों को कंपनी में किसी भी सुरक्षा साधनों की आपूर्ति नहीं की जाती है। दुर्घटना स्थल पर  मशीन का पाइप काफी दिनों से कमजोर हो गया था। यह जानकारी कंपनी प्रबंधन को देने के बावजूद कंपनी ने इसे नजरअंदाज किया। इस घटना से कंपनी के सभी कामगार दहशत में हैं। एमआईडीसी पुलिस के अनुसार  दिनेश और मशीन ऑपरेटर उत्तम लगभग 14-15 साल से सिंटेक्स बीएपीएल, प्लॉट नंबर जे/12 में कार्यरत हैं। घटना के दिन दोनों की रात की पाली थी। कंपनी में वॉटर टैंक का  उत्पादन होता है। हमेशा की तरह दोनों रात ढाई बजे काम कर रहे थे। इस दौरान अचानक टैंक बनाने के काम में उपयोगी पाउडर मशीन का ब्लोअर पाइप निकलने से मेन मशीन के बर्नर में आग लग लगई। आग इतनी भयावह थी कि, मशीन के समीप खड़े दिनेश को आग ने  अपनी चपेट में ले लिया। उत्तम मरमाटे, दिनेश को बचाने की प्रयास में बुरी तरह झुलस गया। 

पंचनामे में पुलिस को सहयोग नहीं किया

दयाराम करपाते, पुलिस हवलदार, प्राथमिक पुलिस जांच अधिकारी के मुताबिक घटना की जानकारी पुलिस स्टेशन बजाज नगर नागपुर से हमें मिली। घटना हमारे क्षेत्र में होने से कंपनी को बुटीबोरी एमआईडीसी पुलिस स्टेशन में जानकारी देनी थी। घटना का पंचनामा करने के लिए कंपनी में गए तो नितीन मेश्राम ने सहयोग करने में असमर्थता जताई, इसलिए सरकारी पंच लेकर घटना का पंजीयन किया गया।
 

Created On :   29 Aug 2021 6:04 PM IST

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