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फडणवीस का दावा - हम चार महीनों में बहाल करा सकते हैं ओबीसी आरक्षण, भुजबल का पलटवार- रद्द होने के लिए केंद्र जिम्मेदार
डिजिटल डेस्क, मुंबई। सुप्रीम कोर्ट द्व्रारा स्थानीय निकाय चुनावों में ओबीसी आरक्षण समाप्त करने के फैसले के बाद राज्य चुनाव आयोग नागपुर-अकोला सहित पांच जिला परिषदों व पंचायत समितियों के चुनाव घोषित करने के बाद राजनीति गरमा गई है। इसको लेकर सत्ता पक्ष व विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरु हो गया है। ओबीसी आरक्षण रद्द होने को लेकर राज्य के मंत्री केंद्र पर दोषारोपण कर रहे हैं जबकि विपक्षी भाजपा इसके लिए राज्य की महा विकास आघाडी सरकार को जिम्मेदार बता रही है। विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि सत्ता पक्ष बताए कि यह उसके वश की बात नहीं है तो हम चार महिनों में ओबीसी आरक्षण बहाल करा सकतें हैं, यदि ऐसा नहीं कर सके तो पद पर नहीं रहेंगे।
गुरुवार को प्रदेश भाजपा की कार्यकारिणी बैठक में फडणवीस ने कहा कि महाविकास आघाड़ी सरकार में ओबीसी आरक्षण बहाल कराने का दम नहीं है तो विपक्ष को बताए। हम चार महीने के भीतर इम्पीरिकल डाटा तैयार करके ओबीसी आरक्षण को बहाल करवा देंगे। यदि मैं ऐसा नहीं करवा पाया तो पद पर नहीं रहूंगा। प्रदेश भाजपा की कार्यकारिणी बैठक में फडणवीस ने कहा कि ओबीसी आरक्षण बहाली के लिए सरकार के मन में इच्छा नजर नहीं आती है। फडणवीस ने कहा कि हम सरकार को ओबीसी आरक्षण के लिए मदद करने के लिए तैयार हैं। लेकिन सरकार ओबीसी समाज को फंसाने की कोशिश की तो विपक्ष शांत नहीं बैठेगा। फडणवीस ने कहा कि ओबीसी आरक्षण के विरोध में कांग्रेस के नेता ही अदालत में गए थे।
केंद्र उपलब्ध कराए डाटाः भुजबल
गुरुवार को राकांपा के ओबीसी नेता व राज्य के खाद्य-आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल ने ओबीसी आरक्षण रद्द होने के लिए केंद्र को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि इम्पीरिकल डाटा उपलब्ध नहीं होने के कारण ओबीसी का राजनीतिक आरक्षण रद्द हो गया है। अब केंद्र सरकार को मेहरबानी करके ओबीसी का इम्पीरिकल डाटा राज्य सरकार को उपलब्ध कराना चाहिए। इसके लिए राज्य सरकार ओबीसी आरक्षण के फैसले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जाएगी। राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट से केंद्र सरकार को ओबीसी का इम्पीरिकल डाटा उपलब्ध कराने के लिए निर्देश देने का आग्रह करेगी।
कोरोना के मद्देनजर टाले जाए जिप चुनाव
राकांपा प्रदेश कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में भुजबल ने कहा कि राज्य मंत्रिमंडल की बैठक से पहले स्वास्थ्य विभाग ने एक चर्चा में कहा है कि कोरोना के प्रतिदिन के नए मामलों में लगातार गिरावट नहीं आ रही है। केंद्र सरकार ने कोरोना के नए वैरिएंट डेल्टा प्लस को लेकर महाराष्ट्र को चेताया है। इसलिए मंत्रियों का कहना था कि राज्य चुनाव आयोग को जिला परिषद और पंचायत समितियों के उपचुनाव को टाल देना चाहिए। उपचुनाव टालने को लेकर प्रदेश के मुख्य सचिव सीताराम कुंटे राज्य चुनाव आयोग से बात कर रहे हैं। भुजबल ने कहा कि विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस को केंद्र सरकार ओबीसी का इम्पीरिकल डाटा उपलब्ध कराने के लिए अगुवाई करनी चाहिए। इसके लिए चाहे तो फडणवीस श्रेय ले सकते हैं। भुजबल ने कहा कि फडणवीस के केवल आरोप लगाने से कोई फायदा नहीं होगा। यदि वे सच्चे दिल से ओबीसी का आरक्षण बचाना चाहते हैं तो वे अपनी जिम्मेदारी निभाएं। भुजबल ने कहा कि पूर्व की भाजपा सरकार उस समय ओबीसी का इम्पीरिकल डाटा जुटा सकती है। क्योंकि उस समय कोरोना संकट नहीं था। भुजबल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आरक्षण रद्द करने के फैसले के कारण राज्य में ग्राम पंचायतों से लेकर महानगर पालिकाओं तक ओबीसी की 56 हजार सीटें प्रभावित होंगी।
चुनाव टालने सीएम ने लिखा पत्र
जबकि प्रदेश के अन्य पिछड़ा बहुजन कल्याण मंत्री विजय वड्डेटीवार ने कहा कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने नागपुर, अकोला सहित पांच जिला परिषदों और पंचायत समितियों के उपचुनाव को टालने के लिए राज्य चुनाव आयोग को पत्र लिखा है। वड्डेटीवार ने कहा कि ओबीसी आरक्षण का मुद्दा 2017 से प्रलंबित है। उस समय केंद्र और राज्य में भाजपा सरकार थी। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ओबीसी समाज के होने के बावजूद केंद्र सरकार से महराष्ट्र को ओबीसी का इम्पीरिकल डाटा नहीं मिल पाया। पूर्व की भाजपा सरकार में राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री फडणवीस, तत्कालीन ग्रामीण विकास मंत्री पंकजा मुंडे और तत्कालीन ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव असीम गुप्ता ने इम्पीरिकल डाटा के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखा था लेकिन केंद्र सरकार ने इम्पीरिकल डाटा उपलब्ध नहीं कराया। वड्डेटीवार ने कहा कि ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर दो दिवसीय चिंतन शिविर 26 और 27 जून को पुणे के लोनावला में होगा। इस शिविर में भाजपा के ओबीसी नेताओं को भी बुलाया गया है।
26 जून को भाजपा का चक्काजाम आंदोलन
भाजपा की राष्ट्रीय सचिव पंकजा मुंडे ने कहा कि प्रदेश भाजपा की ओर से ओबीसी आरक्षण के प्रदेश भर में 26 जून को एक हजार जगहों पर चक्का जाम आंदोलन किया जाएगा। पंकजा ओबीसी आरक्षण को लेकर बाम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद खंडपीठ में याचिका भी दाखिल करेंगी। प्रदेश भाजपा के महासचिव चंद्रशेखर बावनकुले जिला परिषद और पंचायत समितियो के उपचुनाव को रद्द करने की मांग को लेकर शुक्रवार को राज्य चुनाव आयोग को ज्ञापन देंगे। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील ने कहा कि 26 जून को भाजपा के एक लाख कार्यकर्ता गिरफ्कारी देंगे।
फडणवीस ने खत्म किया भाजपा से ओबीसी नेतृत्वः रोहिणी खडसे
इस बीच राकांपा के वरिष्ठ नेता एकनाथ खडसे की बेटी रोहिणी खडसे ने ट्वीट कर भाजपा पर कटाक्ष किया है। राकांपा नेता रोहिणी ने पूछा कि भाजपा को ओबीसी पर दया कब से आने लगी? भाजपा से ओबीसी नेताओं के नेतृत्व को खत्म करते समय यह दया कहां गई थी ? अब दया दिखाने का कोई मतलब नहीं है।
Created On :   24 Jun 2021 8:18 PM IST