बालासाहेब स्मारक भूमिपूजन समारोह में फडणवीस को न्यौता नहीं, नाराज हुई भाजपा

Fadnavis not invited in Balasaheb memorial Bhoomipujan ceremony, BJP angered
बालासाहेब स्मारक भूमिपूजन समारोह में फडणवीस को न्यौता नहीं, नाराज हुई भाजपा
बालासाहेब स्मारक भूमिपूजन समारोह में फडणवीस को न्यौता नहीं, नाराज हुई भाजपा

डिजिटल डेस्क,मुंबई। प्रदेश सरकार की ओर से शिवसेना प्रमुख दिवगंत बालासाहब ठाकरे के राष्ट्रीय स्मारक के भूमिपूजन समारोह में पूर्व मुख्यमंत्री तथा विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस को निमंत्रित नहीं किए जाने पर भाजपा की नाराजगी सामने आई है। विधान परिषद में विपक्ष के नेता प्रवीण दरेकर ने कहा कि बालासाहब के स्मारक के लिए महापौर बंगले की जगह देने और विभिन्न मंजूरियां दिलाने में फडणवीस का काफी बड़ा योगदान है। उन्होंने कहा कि यदि फडणवीस को बुलाने की इच्छा ही नहीं है तो कोरोना के कई कारण बताए जा सकते हैं। 

दरेकर ने कहा कि बालासाहब का व्यक्तित्व राजनीति से ऊपर था। विपक्षी दल बालासाहब के विचार से भले ही सहमत नहीं हो लेकिन उनका नेतृत्व निर्विवाद था। ऐसे में सरकार की ओर से सर्वसमावेशी भूमिका होती तो कार्यक्रम की ऊंचाई और बढ़ती। दरेकर ने कहा कि सरकार विपक्ष को गिनती ही नहीं है या फिर शिवसेना दिखानी चाहती होगी कि हम विपक्ष के बिना भी सबकुछ कर सकते हैं।

दरेकर ने कहा कि मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे तो ठाकरे परिवार के व्यक्ति हैं। उन्हें भी नहीं बुलाया गया। उन्होंने कहा कि प्रदेश के नगर विकास मंत्री एकनाथ शिंदे का कार्यक्रम के निमंत्रण पत्र पर नाम नहीं है जबकि स्मारक परियोजना का काम नगर विकास विभाग के अधीन आने वाले एमएमआरडी के माध्यम से पूरा किया जा रहा है। 

भाजपा विधायक नितेश राणे ने कहा कि बालासाहब होते तो पहला निमंत्रण फडणवीस को दिए होते। बालासाहब मन के राजा थे। राजा होने के लिए बड़ा दिल लगता है। बालासाहब के बाद अब केवल किस्सा बड़ा है। मन काफी छोटे हो गए हैं। 

सरकार की ओर से मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे को कार्यक्रम में नहीं बुलाए जाने पर मनसे महासचिव संदीप देशपांडे ने कहा कि सही मायनों में बालासाहब के विचारों को आगे ले जाने का काम राज ठाकरे कर रहे हैं। यही मराठी भाषियों की भावना है। यह बात महत्वपूर्ण है। बाकी भूमिपूजन कौन कर रहा है यह महत्वपूर्ण नहीं है। 

ऑनलाईन आयोजित किया था गया कार्यक्रमः परब 

विपक्ष की ओर से लगाए आरोपों पर शिवसेना प्रवक्ता तथा प्रदेश के परिवहन मंत्री अनिल परब ने जवाब दिया है। परब ने कहा कि कार्यक्रम ऑनलाइन है। मुझे नहीं लगता है कि किसी की जानबुझकर अनदेखी की गई है। जिसको जो बोलना है बोलने दीजिए। परब ने कहा कि अधिकृत रूप से निमंत्रण पत्र प्रकाशित कर किसी को नहीं बुलाया गया है। शिवसेना के मंत्रियों और नेताओं को भी औपचारिक रूप से निमंत्रण पत्र भेजकर न्यौता नहीं दिया गया है।  

इससे पहले बीते 23 जनवरी को दक्षिण मुंबई में बालासाहब के प्रतिमा के उद्घाटन के मौके पर सरकार की ओर से सभी दलों के नेताओं को बुलाया गया था। जिसमें विपक्ष के नेता फडणवीस और राकांपा अध्यक्ष शरद पवार, मनसे अध्यक्ष ठाकरे शामिल हुए थे। फडणवीस और मुख्यमंत्री एक मंच पर नजर आए थे। लेकिन बीते कुछ दिनों से फडणवीस सरकार को अलग-अलग आरोप लगाकर घेर रहे हैं। इससे सरकार की काफी किरकिरी हुई है। फडणवीस को न्यौता नहीं दिए जाने से साफ है कि सत्ताधारी शिवसेना और भाजपा के बीच खटास और बढ़ गई है। 

Created On :   31 March 2021 12:43 PM GMT

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