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फडणवीस बोले - इंदिरा गांधी ने पिता को भेजा था जेल, मै जाने से नहीं डरता

डिजिटल डेस्क, मुंबई। फोन टैपिंग मामले में विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस से पूछताछ का मुद्दा सोमवार को विधानसभा में गूंजा। भाजपा के सुधीर मुनगंटीवार और आशीष शेलार ने स्थगन प्रस्ताव के जरिए यह मुद्दा उठाया और कहा कि पूछताछ करने वाले अधिकारियों ने विशेषाधिकार का हनन किया है इसलिए उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। वहीं देवेंद्र फडणवीस भी सरकार पर जमकर बरसे उन्होंने कहा कि मेरे पिता को दो साल और चाचा को 18 महीने इंदिरा गांधी ने बिना किसी अपराध के जेल में रखा था। मैं जेल जाने से नहीं डरता और भ्रष्टाचार के मामले उजागर करता रहूंगा। फडणवीस ने कहा कि उन्हें पहले भेजे गए सवाल और पुलिस द्वारा पूछे गए सवाल अलग थे। उन्हें पता है कि सवाल किसने बदलवाए लेकिन उन्हें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। वहीं गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटील ने सफाई दी कि मामले में फडणवीस से आरोपी की तहत पूछताछ नहीं की गई। पुलिस बस उनसे मामले में जानकारी लेना चाहती थी।
प्रश्नकाल के बाद भाजपा के सुधीर मुनगंटीवार ने फडणवीस से पूछताछ के मामले पर स्थगन प्रस्ताव रखते हुए कहा कि विधानसभा के सदस्य को सीआरपीसी की धारा 160 के तहत नोटिस देकर पूछताछ की गई और सरकार के वरिष्ठ मंत्री कृपाचार्य और द्रोणाचार्य की भूमिका में हैं। फडणवीस से की गई पूछताछ सभागृह के सदस्य के तौर पर उन्हें मिले अधिकारों का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि पुलिस का राजनीतिकरण हो रहा है। सत्तापक्ष से सिर्फ अजित पवार ने सही बात बोली और दोनों पक्षों की बात रखी। मुनगंटीवार ने मांग की कि फडणवीस का बयान दर्ज करने वाले पुलिसवालों के खिलाफ विशेषाधिकार हनन के आरोप में कार्रवाई की जाए। आशीष शेलार ने भी इस मामले पर स्थगन की मांग करते हुए कहा कि राज्य में लोकतांत्रिक और संवैधानिक तरीके से काम होगा या नहीं। उन्होंने अदालती फैसलों का हवाला देते हुए कहा कि भ्रष्टाचार को उजागर करने के मामलों में गोपनीयता कानून के तहत कार्रवाई गलत है।
जांच अधिकारी को जानकारी जुटाने का अधिकारः गृहमंत्री
वहीं मामले में गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटील ने कहा कि सीआरपीसी की धारा 160 के तहत जांच अधिकारी को जानकारी लेने का अधिकार है। खुफिया विभाग का डेटा कैसे बाहर गया पुलिस इसकी जांच कर रही है। फडणवीस को पहले प्रश्नों की सूची भेजी गई थी जवाब क्या देना है वे यह तय कर सकते हैं। वलसे पाटील ने कहा कि फडणवीस को आरोपी की तरह नोटिस नहीं दिया गया था और विपक्ष के नेता को फंसाने की कोई साजिश नहीं की जा रही है। जवाब में फडणवीस ने कहा कि पुलिस ने उन्हें जो सवाल भेजा था वह अलग था। उन्होंने लिखित जवाब देने की बात कही थी लेकिन फिर भी पुलिस उनसे सवाल पूछने पहुंची। फडणवीस ने कहा कि उनसे जो सवाल पूछे गए उससे लगता है कि उन्हें आरोपी बनाने की कोशिश की जा रही है।
Created On :   14 March 2022 10:11 PM IST