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फर्जी कॉल्स ने बढ़ाई फायर ब्रिगेड की मुसीबत बरगी में 5 घंटे तक आग तलाशते रहे कर्मचारी
कचरे के ढेर में भी आग लगने पर भी लोग सीधे फायर ब्रिगेड को कर देते हैं फोन, रोज परेशान हो रहे दमकल कर्मी
डिजिटल डेस्क जबलपुर । गर्मी के मौसम में अग्नि दुर्घटनाओं की बाढ़ सी आ जाती है और जंगल, पहाड़ सुलगने लगते हैं। इन्हीं के बीच में चंद मस्खरों को भी मस्ती सूझती है और वे फायर ब्रिगेड जैसी महत्वपूर्ण और आवश्यक सेवा के साथ मजाक करने से नहीं चूकते। कभी कंट्रोल रूम के जरिए तो कभी सीधे फायर ब्रिगेड में ही आग लगने की ऐसी सूचनाएँ पहुँचाई जा रही हैं, जो पूरी तरह से फर्जी होती हैं। सोमवार को ही फायर ब्रिगेड के 5 कर्मचारी दोपहर 2 बजे से शाम 7 बजे तक चूल्हा गोलाई से लेकर बरगी तक आग खोजते रहे लेकिन कोई आग नहीं मिली। मामला दरअसल यह है कि दोपहर में पुलिस कंट्रोल रूम से सूचना मिली कि चूल्हा गोलाई के पास आग भड़क रही है। तत्काल ही दमकल के एक वाहन को 5 कर्मचारियों के साथ चूल्हा गोलाई के लिए रवाना किया गया। फायर कर्मी चूल्हा गोलाई पहुँचे तो वहाँ कहीं भी आग लगने की जानकारी नहीं मिली। आगे बढ़ते हुए कर्मचारियों ने आसपास के कई गाँवों से जानकारी ली, लेकिन कुछ नहीं मिला। इस प्रकार वे शाम को 7 बजे तक भटकते रहे और हारकर बरगी पुलिस थाने में सूचना देकर वापस आ गए कि कहीं कोई दुर्घटना स्थल नहीं मिला।
पहाडिय़ों पर वन विभाग क्यों नहीं रख रहा नजर
फायर ब्रिगेड के अधिकारियों का कहना है कि दमकल विभाग को शहरी क्षेत्रों की आग बुझाने का अनुभव होता है, जबकि जंगल और पहाड़ों की आग पर वन विभाग को एक्शन लेना चाहिए, लेकिन वन विभाग ऐसा नहीं करता है और न ही गर्मी में वन विभाग के कर्मचारी ऐसे संवेदनशील पहाड़ों और जंगलों पर नजर रखते हैं। लोग सीधे दमकल विभाग को ही सूचित करते हैं और दमकल वाहन तत्काल मौके पर पहुँचते भी हैं लेकिन फर्जी कॉल से मुसीबत बढ़ रही है।
Created On :   6 April 2021 2:14 PM IST