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फर्जी डॉक्टर गिरफ्तार - नकली निकली एमबीबीएस और एमएस की डिग्री
नर्सिंग होम के लिए ले चुका है 13.90 लाख का लोन
डिजिटल डेस्क सतना। कोलगवां पुलिस ने एक ऐसे फर्जी डॉक्टर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है,जो न केवल एमबीबीएस और एमएस की नकली डिग्री की दम पर प्रैक्टिस कर रहा था,बल्कि उसने स्वयं के नर्सिंग होम के लिए एक निजी फाइनेंस कंपनी से 13 लाख 90 हजार रुपए का लोन भी ले रखा था। पुलिस ने बताया कि आरोपी अनुराग त्रिपाठी पिता अरविंद (34) मूलत: रीवा में श्रवण स्कूल के पीछे का निवासी है। फर्जी डॉक्टर को आईपीसी की धारा-420, 467, 468 और 471 के तहत कोर्ट में पेश करते हुए सेंट्रल जेल भेज दिया गया है। आरोपी ने मेडिकल कॉलेज जबलपुर के नाम पर एबीबीएस और एम्स जोधपुर राजस्थान के नाम पर एमस की डिग्री बनवा रखी थी।
ऐसे आया पकड़ में
मामले की जांच कर रहे कोलगवां थाने के सब इंस्पेक्टर शैलेन्द्र पटेल ने बताया कि एमबीबीएस और एमएस की इन्हीं नकली डिग्रियों की आड़ में आरोपी यहां पन्ना नाका स्थित ललित मेडिकल और अन्या हॉस्पिटल भरहुत नगर में प्रैक्टिस भी कर चुका है। इसी दौरान उसने स्वयं के नर्सिंग होम के लिए एक प्रायवेट फाइसनेंस कंपनी से 13.90 लाख का लोन ले रखा था। उसने इस ऋण के एवज में 3 किश्तें तो भरी मगर इसके बाद वो आनाकानी करने लगा। फाइनेंस कंपनी के मैनेजर मो.इमरान मंसूरी ने 17 फरवरी को मामले की शिकायत पुलिस से की और उसकी एमबीबीएस तथा एमएस की डिग्रियां नकली होने की आशंका जताई। शिकायत पर यहां से रीवा पहुंची पुलिस की एक पार्टी ने आरोपी अनुराग त्रिपाठी को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी इससे पहले मदर टेरेसा हास्पिटल पन्ना और ज्योति मेडिकल बैकुंठपुर (रीवा) में डॉक्टर बनकर प्रैक्टिस कर चुका है। फर्जी डॉक्टर अनुराग त्रिपाठी की गिरफ्तारी में कोलगवां कोतवाल मोहित सक्सेना, सब इंस्पेक्टर शैलेन्द्र पटेल, सब इंस्पेक्टर साइबर सेल अजीत सिंह, प्रधान आरक्षक देवनारायण उपाध्याय, आरक्षक दीपेश पटेल, आरक्षक कमलाकर सिंह और विपिन सोंधिया और संजय मिश्रा ने अहम भूमिका निभाई।
Created On :   19 Feb 2020 9:31 AM GMT