सिटी अस्पताल से मिला नकली इंजेक्शन का बिल, नहीं मिला मोखा का मोबाइल

Fake injection bill from City hospital, Mokhas mobile was not found
सिटी अस्पताल से मिला नकली इंजेक्शन का बिल, नहीं मिला मोखा का मोबाइल
सिटी अस्पताल से मिला नकली इंजेक्शन का बिल, नहीं मिला मोखा का मोबाइल

रिमांड पूरी होने पर सरबजीत को कोर्ट में किया गया पेश, न्यायिक हिरासत में भेजा गया जेल
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
नकली रेमडेसिविर मामले में आरोपी बनाए गये सिटी अस्पताल संचालक सरबजीत मोखा से एसआईटी ने सघन पूछताछ की लेकिन उसका मोबाइल फोन अब तक बरामद नहीं किया जा सका है। वहीं मोबाइल तलाशने की कवायद के दौरान सिटी अस्पताल से नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के 15 लाख के बिल पुलिस के हाथ लगे हैं। इन्हें काफी अहम माना जा रहा है। ये बिल डायमंड कंपनी के नाम के बताए जा रहे हैं जो कि फैक्ट्री कर्मी सुनील मिश्रा द्वारा इंजेक्शन के पैकेटों के साथ भेजे गए थे। वहीं पुलिस रिमांड की अवधि पूरी होने पर मोखा को सोमवार को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।
सूत्रों के अनुसार नकली रेमडेसिविर मामले में मोखा को पहले तीन दिन फिर दो दिन की रिमांड पर लिया गया था। उससे पूछताछ में नकली इंजेक्शन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारियाँ तो एसआईटी ने जुटा ली लेकिन सबसे अहम सबूत मोबाइल बरामद करने में नाकाम रही। जानकारों के अनुसार मोबाइल में कुछ ऐसे राज छिपे हैं जिससे कुछ और लोग बेनकाब हो सकते थे। उधर मोखा की रिमांड अवधि पूरी होने पर पुलिस ने उसे कोर्ट में पेश किया जहाँ से उसे जेल भेज दिया गया है। 
डायमंड कंपनी के नाम से सप्लाई
सूत्रों के अनुसार नकली रेमडेसिविर की सप्लाई करने वाले सुनील मिश्रा ने जिसे भी इंजेक्शन बेचे थे उन सभी को फर्जी बिल थमाए थे। इस जानकारी के आधार पर जाँच टीम ने मोखा के अस्पताल से 15 लाख के डायमंड कंपनी के बिल बरामद किए हैं। इन बिलों में 23 व 28 अप्रैल को भेजे गये इंजेक्शन का लेखा जोखा है। ज्ञात हो कि 15 लाख के जो बिल बरामद किए गये हैं उनका भुगतान दवा सप्लायर सपन जैन द्वारा पूर्व में ही कर दिया गया था और उसे मोखा से यह रकम लेना थी। 
देवेश से फिर हो सकती है पूछताछ
जानकारों के अनुसार सिटी अस्पताल में दवा इंचार्ज देवेश चौरसिया को फिर से रिमांड पर लिया जा सकता है। सपन व सुनील मिश्रा व अन्य आरोपियों को यहाँ लाए जाने के बाद देवेश चौरसिया से उनके सामने बैठाकर पूछताछ कर नकली रेमडेसिविर मामले के अनसुलझे तारों को सुलझाया जा सके। 
इंजेक्शन बेचने वाले पकड़ से बाहर
सूत्रों के अनुसार एसआईटी की पूछताछ में 
मोखा के पुत्र हरकरण ने स्वीकार किया था कि उसने चार इंजेक्शन अपने दोस्तों को दिए थे। इस मामले में उसने बॉबी मनचंदा व संजू खत्री का नाम भी लिया था कि इन दोनों ने कोटे से अस्पताल को मिले चार इंजेक्शन महंगे दामों में बाहर बेच दिए थे। पुलिस ने दोनों से पूछताछ करने की बात कही थी। हैरानी की बात यह है कि हरकरण की रिमांड खत्म होने और उसके वापस जेल जाने के बाद भी पुलिस ने बॉबी और संजू को नहीं पकड़ा है। माना जा रहा है कि इन दोनों से पूछताछ में हरकरण से जुड़े और भी कई राज सामने आ सकते हैं।  
सभी आरोपियों को लाने की कवायद 7 मोखा और उसके परिवार व अस्पताल के प्रमुख लोगों की गिरफ्तारी और पूछताछ होने के बाद अब एसआईटी द्वारा सपन जैन सहित अन्य आरोपियों को भी जल्द जबलपुर लाकर पूछताछ करने की कवायद तेज कर दी गई है। जानकारों के अनुसार न्यायालय में प्रोडक्शन वारंट जारी होते ही पुलिस टीमों को इंदौर व गुजरात भेजा जाएगा और सपन जैन, सुनील मिश्रा, पुनीत शाह व कौशल बोरा आदि आरोपियों को जबलपुर लाकर पूछताछ की जाएगी। 
 

Created On :   1 Jun 2021 2:00 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story