नकली रेमडेसिविर मामला - हैदराबाद की कंपनी में होगी इंजेक्शनों की जाँच

Fake Remdesivir case - injections will be investigated in Hyderabad company
नकली रेमडेसिविर मामला - हैदराबाद की कंपनी में होगी इंजेक्शनों की जाँच
नकली रेमडेसिविर मामला - हैदराबाद की कंपनी में होगी इंजेक्शनों की जाँच

जब्त की गईं खाली शीशियाँ, काँच के टुकड़े व ढक्कन बनेंगे महत्वपूर्ण साक्ष्य
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।  
नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन का इस्तेमाल किए जाने के मामले में सिटी अस्पताल संचालक मोखा को दोबारा जेल भेजने के बाद एसआईटी अब मोखा के बयानों की बारीकी से जाँच कर रही है। वहीं मोखा के घर और उसके अस्पताल से जब्त किए गये नकली इंजेक्शन की शीशियों व ढक्कनों को जाँच के लिए इंजेक्शन बनाने वाली हैदराबाद की माइलोन कंपनी में भेजा जाएगा। ताकि यह पता लग सके कि सिटी अस्पताल में इस्तेमाल किए गये इंजेक्शनों में कितने नकली थे। सूत्रों के अनुसार नकली इंजेक्शन भारी मात्रा में सिटी अस्पताल में खपाए जाने के मामले में अस्पताल संचालक मोखा के खिलाफ ओमती थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी। इस मामले की जाँच के लिए गठित की गई एसआईटी को अस्पताल व मोखा के घर से महत्वपूर्ण साक्ष्य मिले थे। जानकारों के अनुसार जाँच में पता चला था कि नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन नामी कंपनी माइलोन के नाम से तैयार कर बेचे गये थे। इसकी एक यूनिट हैदराबाद में है। एसआईटी द्वारा जाँच के दौरान जब्त किए गए नकली इंजेक्शन, खाली शीशियाँ व ढक्कनों को जाँच के लिए माइलोन कंपनी की हैदराबाद स्थित यूनिट में भेजा जाएगा। 
तैयार हो रही भगवती फार्मा की कुंडली 
जानकारों के अनुसार नकली इंजेक्शन मामले में भगवती फार्मा के संचालक सपन जैन को सबसे अहम कड़ी माना जा रहा है। उसके द्वारा सिटी अस्पताल में दवा की सप्लाई की जाती थी। जो कि अभी गुजरात पुलिस की कस्टडी में है। एसआईटी द्वारा भगवती फार्मा की कुंडली खँगालकर इस बात का पता लगाया जा रहा है कि भगवर्ती फार्मा से कहाँ-कहाँ और किस-किस अस्पताल में दवा सप्लाई की जाती थी। इसके पीछे यह संभावना जताई जा रही है कि सपन ने शहर के कुछ अन्य लोगों को भी इंंजेक्शन सप्लाई किए हैं। वहीं उसके पास जो 35 इंजेक्शन थे उन इंजेक्शनों को नर्मदा में फेंके जाने की जानकारी से भी जाँच टीम संतुष्ट नहीं है। 
जेल में मोखा पर नजर 
जेल सूत्रों के अनुसार दूसरी बार रिमांड पूरी होने के बाद मोखा को जेल की आइसोलेशन बैरक में रखा गया है। वहाँ पर पहले से उसके बेटे हरकरण व एक अन्य आरोपी राकेश शर्मा को भी रखा गया है। जेल प्रशासन द्वारा इनकी निगरानी की जा रही है और तीनों को सख्त हिदायत दी गई है कि अगर तीनों एक साथ बातचीत करते हुए पाए गये तो उनके खिलाफ जेल नियमावली के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी। 

Created On :   2 Jun 2021 2:16 PM IST

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