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नकली रेमडेसिविर: कोर्ट ने कहा मामला गंभीर, मोखा को नहीं दे सकते जमानत
डिजिटल डेस्क जबलपुर। जिला अदालत ने नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले के प्रमुख आरोपी सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा की जमानत खारिज कर दी है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश बरखा दिनकर ने अपने आदेश में कहा है कि मामला गंभीर है, ऐसे मामले में जमानत का लाभ देना उचित नहीं है।
ओमती पुलिस के अनुसार कोरोना की दूसरी लहर के दौरान सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा ने 28 अप्रैल 2021 को इंदौर से अम्बे ट्रेवल के माध्यम से दो कार्टून नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मँगवाए। नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन अस्पताल में भर्ती मरीजों को लगाए गए। जाँच के बाद पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा 274, 275, 308, 420, 120बी, 467, 468, 201, 304 और 34 आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 53, महामारी अधिनियम की धारा और मप्र ड्रग कंट्रोल एक्ट की धारा 5/13 का प्रकरण दर्ज किया। जमानत आवेदन में कहा गया कि इस मामले में सह आरोपी राकेश शर्मा, जसमीत कौर और सोनिया खत्री की जमानत हो चुकी है। पुलिस ने मामले की जाँच पूरी कर न्यायालय में आरोप-पत्र दाखिल कर दिया है। ऐसे में आरोपी को जमानत का लाभ दिया जाना चाहिए। एजीपी सुशील सोनी ने तर्क दिया कि आरोपी ने आपदा काल में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाकर लोगों की जान के साथ खिलवाड़ किया है। अपराध की गंभीरता को देखते हुए आरोपी को जमानत का लाभ नहीं दिया जाना चाहिए। दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायालय ने जमानत खारिज कर दी है।
Created On :   10 Nov 2021 10:35 PM IST