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नकली रेमडेसिविर मामला - सेल फोन में छिपे हैं कई बड़े राज, बेटे हरकरण के मोबाइल भी नहीं लग पाए हाथ
रहस्य बना मोखा का मोबाइल, पुलिस के हाथ खाली
डिजिटल डेस्क जबलपुर । कोरोना मरीजों को नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मुहैया कराने के मामले में एसआईटी के शिकंजे में आए सिटी हॉस्पिटल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा का मोबाइल रहस्य का विषय बना हुआ है। माना जा रहा कि मोखा के मोबाइल फोन में कई बड़े राज दफन हैं। इसमें इस बात का भी खुलासा हो सकता है कि मामला सामने आने के बाद उसने किस-किस से बात की थी। हैरानी की बात यह है कि पुलिस अब तक उसका मोबाइल जब्त नहीं कर पाई है। सूत्रों की मानें तो मोखा ने पूछताछ में संकेत दिए थे कि कोविड के दौरान वार्ड में ही उसका मोबाइल स्विच ऑफ हो गया था। इसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया गया। उसे याद नहीं है कि मोबाइल कहां गया? मोखा के बेटे हरकरण के मोबाइल के मामले में भी कुछ यही मिस्ट्री है। हालांकि तीन दिन की पुलिस रिमांड पूरी होने के बाद शुक्रवार को हरकरण को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।
आरोपियों को गुजरात से ट्रांसफर वारंट पर लाएगी पुलिस 7 श्री काशवानी ने बताया कि गुजरात पुलिस द्वारा हिरासत में लिए गए अधारताल निवासी सपन जैन, रीवा में रहने वाले सुनील मिश्रा, नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाने वाली फर्म कंपनी के डायरेक्टर कौशल वोहरा व पुनीत शाह को अब ट्रांसफर वारंट पर जबलपुर लाया जाएगा। इसके लिए एसआईटी कोर्ट से ट्रांसफर वारंट जारी करवा रही है और ये वारंट लेकर एक टीम आरोपियों को लेने के लिए गुजरात भी जाएगी। अभी इन आरोपियों को लाने के लिए प्रोडक्शन वारंट एसआईटी ने जारी करवाए थे लेकिन वहाँ की पुलिस आरोपियों को लेकर अभी तक जबलपुर नहीं आई है। गुजरात से इन आरोपियों के आने के बाद सरबजीत िसंह और उसके अस्पताल के दवा कर्मी देवेश चौरसिया को फिर से रिमांड पर लिया जा सकता है।
चर्चा का विषय है विशिष्ट लोगों से बातचीत
जानकार सूत्रों का कहना है कि एसआईटी की पूछताछ में सरबजीत िसंह मोखा ने यह राज खोला था कि बीते 3 मई को उसने कुछ अधिकारियों व विशिष्ट लोगों से फोन पर बात भी की थी। मोखा के इस रहस्योद््घाटन के बाद हड़कम्प मच गया। हालांकि उसकी इस बात की अब तक कोई अधिकृत पुष्टि नहीं हो पाई है। माना जा रहा है कि मोखा के सेल फोन की कॉल डिटेल में भी कई बड़े राज सामने आ सकते हैं। एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा का कहना है कि उसके मोबाइल को जब्त करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
हरकरण ने भी पहाड़ी पर फेंके थे मोबाइल - शुक्रवार को चर्चा में एएसपी एएसपी रोहित काशवानी ने कहा कि सरबजीत को यदि नकली इंजेक्शन के बारे में पता चल गया था तो उसे सूचित करना था लेकिन उसने कभी भी सूचित नहीं िकया। नकली इंजेक्शन मँगवाने के संबंध में सरबजीत िसंह मोखा एवं उसके बेटे हरकरण ने बातचीत की थी और यही साक्ष्य मिटाने के लिए हरकरण ने अपने दोनों मोबाइल को दिल्ली भागते समय पाटन की पहाड़ी पर तोड़कर फेंक दिया था और रिमांड के दौरान टीम अवशेष जब्त करने उसे लेकर भी गई थी लेकिन वह नहीं मिले।
जाँच करने आएँगे कंपनी के एक्सपर्ट
उन्होंने आगे बताया कि रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाने वाली कंपनी के एक्सपर्ट भी एसआईटी के पत्र पर यहाँ जाँच के लिए आने वाले हैं। इस कंपनी के नाम व रैपर का उपयोग नकली इंजेक्शन तैयार करने में हुआ है और कंपनी की शिकायत पर भी आरोपियों के खिलाफ कॉपी राइट एक्ट सहित अन्य धाराएँ भी बढ़ाई जा सकती हैं। वहीं नकली इंजेक्शनों में किस तरह का कैमिकल है और इसका शरीर पर कैसा प्रभाव पड़ सकता है इसकी भी पूरी जाँच कराई जाएगी।
बैंक से एकाउंट्स
की माँगी जानकारी उनके अनुसार एसआईटी ने आरोपियों के बैंक एकाउंट्स की जानकारी एकत्र करने बैंक को पत्र लिखे हैं। इसके अलावा 2 टीमों द्वारा भी आसपास के जिलों में मरीजों से संपर्क कर उनसे इलाज के असल बिल को जब्त किए जा रहे हैं। केस डायरी में इसे संलग्न किया जाएगा और एसआईटी हर बिन्दू की बारीकी से जाँच कर रही है जो भी साक्ष्य सामने आएँगे उसे इस केस डायरी में शामिल किया जाएगा। एसआईटी की जाँच में बड़े खुलासे होने की संभावना है। बड़े नाम भी सामने आ सकते हैं।
Created On :   29 May 2021 4:54 PM IST