पुल बनाने के लिए इस्तेमाल की फर्जी तकनीकी मान्यता, मामले की 15 दिन में जांच 

Fake technical validation of use to build bridge, investigation of the case in 15 days
पुल बनाने के लिए इस्तेमाल की फर्जी तकनीकी मान्यता, मामले की 15 दिन में जांच 
फौजदारी मामला होगा दर्ज पुल बनाने के लिए इस्तेमाल की फर्जी तकनीकी मान्यता, मामले की 15 दिन में जांच 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बीड़ जिले के पाटोदा नगरपंचायत में स्थित मांजरा नदी पर ब्रिज-कम-बांध बनाने के लिए सार्वजनिक निर्माणकार्य विभाग ने किसी तरह की तकनीकी मान्यता नहीं दी है। काम के लिए जो तकनीकी मान्यता दिखाई गई है वह फर्जी है। नगर परिषद प्रशासन 15 दिन में जांच कर फौजदारी मामला दर्ज कराएगी। शहरी विकास राज्य मंत्री प्राजक्त तनपुरे ने विधानसभा में यह जानकारी दी। कांग्रेस के प्रकाश सोलंके, बालासाहेब आजबे, राकांपा के संदीप क्षीरसागर आदि सदस्यों ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिए सदन में यह मुद्दा उठाया। जवाब में मंत्री तनपुरे ने बताया कि पाटोदा नगर पंचायत में नागरिक सुविधाओं के विकास के लिए शहरी विकास विभाग ने 3 करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता दी थी इसमें से 2 करोड़ 93 लाख रुपए के खर्च से एक पुल-कम-बांध बनाने का प्रस्ताव रखा गया। बिना किसी अधिकार के सार्वजनिक निर्माणकार्य विभाग के अधीक्षक अभियंता ने इसकी मंजूरी दे दी जिसके चलते संदेश पैदा हुआ। सार्वजनिक निर्माणकार्य विभाग ने इस बाबत जानकारी दी है कि उसकी ओर से कोई तकनीकी मान्यता नहीं दी गई। फर्जी तकनीकी मान्यता हासिल करने का खुलासा होने के बाद मामले की गहराई से जांच शुरू कर दी गई है। इस बात की भी जांच की जा रही है कि नागरिक सुविधा के लिए पैसे का इस्तेमाल पुल बनाने के लिए किया जा सकता है या नहीं। राज्यमंत्री तनपुरे ने कहा कि आष्टी और पाटोदा नगर परिषदों के कामकाम में अगर कोई अनियमितता मिली तो जिलाधिकारी से रिपोर्ट मंगाई जाएगी।

 

Created On :   16 March 2022 9:17 PM IST

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