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कोर्ट ने दो आरोपियों के जमानत आवेदन को किया खारिज
डिजिटल डेस्क, मुंबई। कोरोना के फर्जी टीकाकरण मामले से जुड़े आरोपियों ने कई लोगों के जीवन को जोखिम में डाला है। मुंबई सत्र न्यायालय ने यह बात कहते हुए शिविर आयोजित कर लोगों को कोरोना का फर्जी टीका लगाने के मामले से जुड़े दो आरोपियों के जमानत आवेदन को खारिज कर दिया है। आरोपियों पर महानगर के परेल इलाके में पोद्दर सेंटर में फर्जी टीकाकरण शिविर आयोजित करने का आरोप है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश चित्रा हनकारी ने कहा कि इस मामले की जांच अभी जारी है। ऐसे में यदि आरोपी श्रीकांत माने व सीमा अहूजा को जमानत दी जाती है, तो वे प्रकरण से जुड़े सबूतों के साथ छेड़छाड कर सकते है। आरोपियों ने फर्जीटीकाकरण के जरिए कई लोगों का जीवन जोखिम में डाला है।
दोनों आरोपियों ने न्यायाधीश के सामने दावा किया था, उन्हें इस मामले में फंसाया गया है। आरोपियों के मुताबिक पहले वे मलाड मेडिकल एसोसिएशन से जुड़े महेंद्र सिंह नाम के व्यक्ति के संपर्क में आए थे। जिसने कार्पोरेट जगत से जुड़े लोगों के लिए टीकाकरण अभियान शुरु करने की इच्छा जाहिर की थी। इसके बाद हम (आरोपी) सिंह पर विश्वास करके टीकाकरण अभियान से जुड़े थे। उनका इस मामले से कोई लेना देना नहीं है।
वहीं अभियोजन पक्ष ने आरोपियों की जमानत का विरोध करते हुए कहा था कि आरोपियों पर काफी गंभीर आरोप है। अभी इन आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया जाना बाकी है। इनके हस्ताक्षर व लिखावट का भी नमूना लेना है। अभी भी मामले की जांच जारी है। ऐसे में यदि आरोपियों को जमानत दी गई तो वे गवाहों को धमका सकते और जांच को प्रभावित कर सकते है।
मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायाधीश ने कहा कि आरोपी पहले से मलाड मेडिकल एसोसिएशन के संपर्क में थे। आरोपियों ने एसोसिएशन के लिए ट्रिप का भी आयोजन किया था। इसिलए उन्हें शिविर के आयोजन से जुड़ी सारी कानूनी जानकारी हासिल करनी चाहिए थी। फिर टीकाकरण शिविर का आयोजन करना चाहिए था। इस तरह से कोर्ट ने दोनों आरोपियों के जमानत आवेदन को खारिज कर दिया।
Created On :   10 Sept 2021 7:27 PM IST