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सीएम बोले - समय पर उपलब्ध कराए कर्ज, किसान समूहों को ऑनलाइन मिलेंगे सभी लाभ
डिजिटल डेस्क, मुंबई। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राज्य के बैंकों को किसानों को फसल कर्ज समय पर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि इस साल साल मानसून संतोषजनक रहने का अनुमान है। ऐसे में खरीफ फसलों की बुवाई के लिए किसानों को समय पर कर्ज दिया जाना चाहिए। गुरुवार को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की 151 वीं बैठक हुई। बैठक में राज्य के साल 2021-22 के लिए 4 लाख 60 हजार 881 करोड़ रुपए के वार्षिक ऋण योजना को मंजूरी दी गई। इस प्रारूप के तहत कृषि क्षेत्र के लिए 1 लाख 18 हजार 720 करोड़ रुपए का ऋण वितरण का लक्ष्य रखा गया है। इसमें फसल कर्ज लक्ष्य 60 हजार 860 करोड़ रुपए है। जबकि लघु, मध्यम और सुक्ष्म उद्योगों के लिए बैंकों का वर्षिक कर्ज योजना 2 लाख 49 हजार 139 करोड़ रुपए का लक्ष्य है। वहीं अन्य प्राथमिकता वाले समूहों के लिए 93 हजार 22 करोड़ रुपए कर्ज वितरित करने की योजना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के बैंकों से कृषि अंतर्गत आने वाले सभी कर्ज के प्रस्ताव को एकल खिड़की योजना के तहत तत्काल मंजूर करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि बैंकों द्वारा जिस तरह से उद्योग क्षेत्र के लिए कारोबार सुगमता के तहत सभी परियोजनओं को मंजूरी दी जाती है उसी तरह से कृषि क्षेत्र के लिए कर्ज मंजूर करना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी बैंक एक साथ आकर किसानों और कृषि क्षेत्र को सक्षम करने के लिए एक नीति तैयार करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि नियमित कर्ज वापस करने वाले किसानों को 1 लाख रुपए तक शून्य प्रतिशत ब्याज दर से कर्ज देने के लिए डॉ. पंजाबराव देशमुख ब्याज वापसी योजना लागू की गई है। किसानों को कर्ज के लिए इस योजना की सीमा 3 लाख रुपए तक बढ़ाई गई है। इसके अनुसार बैंक किसानों को कर्ज उपलब्ध कराएं।
किसान समूहों को ऑनलाइन मिलेंगे सभी लाभ
प्रदेश सरकार की नानाजी देशमुख कृषि संजीवनी (पोक्रा) परियोजना के तहत किसान उत्पादक समूह और किसान उत्पादक कंपनियों को अब सभी लाभ ऑनलाइन प्रदान किए जाएंगे। इसके लिए कृषि संजीवनी परियोजना का एक पोर्टल विकसित किया गया है। गुरुवार को राज्य के कृषि मंत्री दादाजी भुसे ने पोर्टल का लोकार्पण किया। उन्होंनेगुरुवार को मंत्रालयमें कृषि संजीवनी परियोजना के विभिन्न कामों की समीक्षा की। भुसे ने कहा कि किसान समूहों को विभिन्न खेती पूरक उद्योग शुरू करने के लिए प्रोत्साहन देने की आवश्यकता है। किसानों की समस्याएं से जुड़े मामले किसी स्तर पर प्रलंबित नहीं रहने चाहिए। उन्होंने कहा कि 15 जिलों में परियोजना प्रभावी रूप लागू होती नजर आ रही है। बाकी के जिलों को भी इसका अनुकरण करना चाहिए। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की ‘जो बिकेगा उसी की बुवाई’परिकल्पना को ध्यान में रखते हुए तैयारी की जाए।
बैठक में कृषि संजीवनी परियोजना के निदेशक विकासचंद्र रस्तोगी ने बताया कि इस परियोजना की ओर से पायलट प्रोजेक्ट के रूप में तहसीलवार कृषि मौसम सलाहकार सेवा शुरू की जा रही है। कृषि विज्ञान की सहायता से यह सेवाएं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि किसान उत्पादक समूहों को लाभ देने की प्रक्रिया अब ऑनलाइन शुरू हो गई है। इससे किसान समूहों को तत्काल लाभ मिलना शुरू हो गया है।
Created On :   3 Jun 2021 7:09 PM IST