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22 दिन से कड़ी धूप में धरने पर बैठे किसान अब रोकेंगे रेल

डिजिटल डेस्क, सतना। रीवा-सतना रेल लाइन के मांद स्थित गेट नंबर-7 के पास जानलेवा लू और कड़ी धूप के बीच 22 दिनों से निरंतर धरने पर बैठे किसानों का सब्र टूटने लगा है। गुस्साए ग्रामीणों ने पश्चिम मध्य रेल्वे के जबलपुर मंडल के डीआरएम को पत्र लिख कर रेल रोकने की चेतावनी दी है। ग्रामीणों के मुताबिक सर्वसम्मति से 15 मई को रेल रोको आंदोलन का निर्णय लिया गया है। केंद्रीय रेल मंत्री, जबलपुर रेल जोन के जीएम, कलेक्टर और एसपी समेत सभी संबंधित अधिकारियों को वस्तुस्थिति से अवगत करा दिया गया है।
आखिर इतना गुस्सा क्यों-
सतना-रीवा रेल मार्ग पर मांद गांव में गेट नंबर-7 पर 22 अप्रैल से ग्रामीण निरंतर धरने पर बैठे हैं। इनकी तीन प्रमुख मांगे हैं। टमस नदी से पहले बने अंडर ब्रिज से गेट नंबर-7 सी तक रोड का निर्माण किया जाए। रेल्वे एक तरफ गेट नंबर-7 से ब्रिज तक रोड लगभग पूरी कर चुका है। लेकिन दूसरी तरफ इस काम में नखरेबाजी चल रही है। अनशनरत ग्रामीणों का आरोप है कि रेल्वे लाइन के दोहरीकरण के काम में घटिया निर्माण सामग्री का उपयोग किया गया है। ठेकेदार ने रेल्वे की जमीन से ही मिट्टी खोद कर रेल्वे के ही काम में लगा कर भुगतान प्राप्त कर लिया है। ग्रामीण इस भ्रष्टाचार की जांच और दोषियों को दंडित करने की मांग कर रहे हैं।
किसानों की जमीन रेल्वे के नाम-
रेल लाइन से प्रभावित किसानों का बड़ा आरोप यह भी है, कि उनके स्वत्व की पुश्तैनी कृषि योग्य जमीनें रातोंरात राजस्व रिकार्ड में भारत सरकार रेल्वे दर्ज कर दी गई हैं। इस एवज में मुआवजा देना तो दूर निर्धारण तक नहीं किया गया है। अनशनकारी ग्रामीणों की मांग है कि कृषि योग्य भूमियां राजस्व भू अभिलेख किसानों के स्वामित्व पूर्ववत की जाएं और दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की जाए।
Created On :   14 May 2022 2:40 PM IST












