फसल जलता देख रो पड़े किसान, चिंगारी ने तबाह कर दी 30 एकड़ में लगी फसल

Farmers weeping after seeing crop burn, spark destroyed 30 acres of crop
फसल जलता देख रो पड़े किसान, चिंगारी ने तबाह कर दी 30 एकड़ में लगी फसल
फसल जलता देख रो पड़े किसान, चिंगारी ने तबाह कर दी 30 एकड़ में लगी फसल


डिजिटल डेस्क बाकल, कटनी।  लॉक डाउन के चलते हार्वेस्टर की कमी के चलते जिले भर में गेहूं की कटाई पिछडऩे से किसानों में जिसकी आशंका थी, बुधवार को वह सच साबित हुई। सिंहुड़ी और पटीराजा में एक चिंगारी ने आधा दर्जन किसानों की 30 एकड़ की फसल स्वाहा कर दी। इस हादसे ने एक बार फिर संसाधनों की कमी को उजागर किया  है, क्योंकि आसपास कहीं भी फायर ब्रिगेड नहीं है। सिंहुड़ी में दो घंटे बाद कटनी से फायर ब्रिगेड पहुंची तब तक ग्रामीण अपने ही प्रयासों से काबू कर चुके थे।
ये किसान हुए प्रभावित-
सिंहुड़ी और पटीराजा में दावानल से सात किसान प्रभावित हुए हैं। जिनमें सिंहुड़ी के बच्चू पटेल, राधे पटेल एवं नारायण पटेल की छह-छह एकड़, चाचा पटेल व सुरेन्द्र महतो की चार-चार एकड़ और रामउपकार पटेल की तीन एकड़ की फसल जल कर राख हो गई। वहीं पटीराजा के छपरी हार में निगझर के प्रमोद सिंह ठाकुर के एक एकड़ की फसल एवं खेत में बनी टपरिया जल गई। घटना की सूचना मिलते ही नायब तहसीलदार निधि तिवारी स्टाफ के साथ सिंहुड़ी पहुंची और पटवारी को क्षति का आंकलन कर प्रतिवेदन देने के निर्देश दिए।
पल भर में साफ हो गए खेत-
जानकारी के अनुसार सिंहुड़ी रैपुरा हार में दोपहर लगभग तीन बजे ट्रांसफार्मर में शार्ट सर्किट से निकली चिंगारी ने बच्चू पटेल के खेत की गेहूं की फसल को चपेट में लिया। देखते ही देखते आग ऐसी फैली कि आसपास के चार अन्य किसानों के खेतों की फसल को स्वाहा कर दिया। लाचार किसान आंखों के सामने ही फसलों को केवल जलते देखते रह गए। ग्रामीणों की मदद से पेड़ों की टहनियों एवं घरों से पानी लाकर आग को आगे बढऩे से रोका। आग का विकराल रूप देख किसानों की आंखों में आंसू आ गए। परिवार की महिलाएं और बच्चे तो दहाड़ मारकर रो पड़े।
बिजली बंद करने लिखा था पत्र-
सिंहुड़ी निवासी बच्चू पटेल ने बताया कि एक सप्ताह पहले कनिष्ठ अभियंता को खेतों की बिजली सप्लाई बंद करने पत्र दिया था। क्योंकि अब फसल की सिंचाई के लिए बिजली की आवश्यकता नहीं है और हर साल शार्ट सर्किट से आग लगने की घटनाएं होती हैं। यदि विद्युत अधिकारियों ने किसानों की मांग को ेमान लिया होता तो यह बर्बादी बच सकती थी।

 

Created On :   8 April 2020 10:45 PM IST

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