12 साल की अदालत लड़ाई के बाद पिता को मिली बेटी के साथ रहने की अनुमति 

Father got permission to live with daughter after 12 years fight
12 साल की अदालत लड़ाई के बाद पिता को मिली बेटी के साथ रहने की अनुमति 
12 साल की अदालत लड़ाई के बाद पिता को मिली बेटी के साथ रहने की अनुमति 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बच्ची की कस्टडी को लेकर 12 साल की लंबी कानूनी लड़ाई के बाद एक पिता को रात के समय भी अपनी बेटी को साथ रखने की बांबे हाईकोर्ट से इजाजत मिली है। हालांकि हाईकोर्ट ने पिता की बच्ची की स्थायी कस्टडी को लेकर की गई मांग को ठुकरा दिया है, लेकिन अदालत ने महीने के तीन शनिवार पिता को रात के समय बच्ची को अपने साथ रखने की इजाजत दी है। बच्ची जब सिर्फ 40 दिन की थी तब उसके पिता उसकी मां से अलग हो गए थे। तब से बच्ची की कस्टडी को लेकर कानूनी लड़ाई चल रही है। अब बच्ची की उम्र 12 साल हो गई है। 

 जस्टिस अभय ओक व जस्टिस अजय गड़करी की खंडपीठ ने यह फैसला सुनाते हुए वैवाहिक विवाद से पैदा हुए इस मामले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। इससे पहले पारिवारिक अदालत ने पिता को सिर्फ दिवाली व क्रिसमस की छुट्टियों के दौरान एक सप्ताह तक बच्ची को अपने साथ रखने की इजाजत दी थी। गर्मी में स्कूल की आधी छुटि्टयों के दौरान भी पिता को बेटी को अपने साथ रखने की इजाजत दी गई थी। पारिवारिक न्यायालय द्वारा बनाई गई इस व्यवस्था के खिलाफ बच्ची की मां हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में साफ किया गया था कि बच्ची अपने पिता के साथ रहने में हिचकिचाहट दिखा रही है।

बच्ची को रात के समय उसके पिता के साथ रखने की इजाजत न दी जाए। किंतु खंडपीठ ने बच्ची की मां की ओर से रात के समय साथ में रखने को लेकर उठाई गई आपत्तियों को दरकिनार करते हुए कहा कि जब बच्ची पिता के साथ लंबा वक्त बिताएगी तो वह अपने पिता के साथ खुश रहने लगेगी। बच्ची की मां ने जो आपत्तियां जताई हैं, वह हमें काल्पनिक नजर आ रही है। इसलिए हम पिता को महीने के तीन शनिवार रात के समय भी बेटी को अपने साथ रखने की इजाजत देते हैं। इस पर बच्ची की मां की ओर से पैरवी कर रहे वकील ने खंडपीठ से कहा कि मेरी मुवक्किल इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाना चाहती है, इसलिए फैसले पर रोक लगाई जाए। इस आग्रह के तहत खंडपीठ ने अपने फैसले पर चार सप्ताह तक की रोक लगा दी। 

Created On :   13 April 2019 7:21 PM IST

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