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चावल की गुणवत्ता की जांच के लिए भोपाल से आई - एफसीआई की टीम ने 5 गोदामों से लिए 61 सेंपल

डिजिटल डेस्क सतना। जिले की सरकारी और गैरसरकारी गोदाम में भंडारित सरकारी चावल का गुणवत्ता का परीक्षण चल रहा है। भारतीय खाद्य निगम के एजीएम क्यूसी (अस्सिटेंट जनरल मैनेजर क्वालिटी कंट्रोलर) के नेतृत्व में तीन दिन पहले यहां पहुंची 4 सदस्यीय टीम ने अब तक जिला मुख्यालय समेत जिले के 5 वेयर हाउस से 61 सेंपल लिए हैं। सूत्रों ने बताया कि गुणवत्ता विहीन चावल के भंडारण की आशंका पर गुणवत्ता परीक्षण की कवायद शुरु की गई है। उल्लेखनीय है, हाल ही में बालाघाट में सरकारी योजनाओं में मुर्गी दाना के लिए प्रयुक्त होने वाले चावल की आपूर्ति पर भारी हंगामा हुआ था। माना जा रहा है कि ऐसे ही आरोपों के बाद यहां चावल के गुणवत्ता का उच्च स्तरीय परीक्षण शुरु किया गया है।
हुई थी 2.48 लाख एमटी धान की खरीदी :-------
उल्लेखनीय है, खरीफ सीजन 2019-20 के दौरान समर्थन मूल्य पर जिले में नागरिक आपूर्ति निगम ने समर्थन मूल्य पर 2 लाख 48 हजार मीट्रिक टन धान की खरीदी की थी। इस धान की सीएमआर (कस्टम मिलिंग राइस ) के जरिए प्रायेवट मिलर से मिलिंग कराई गई थी। मिलिंग के बाद चावल का यहां के विभिन्न वेयर हाउस में भंडारण कराया गया है। भंडारित चावल का शासकीय योजनाओं में वितरण किया जाना है।
मंडी के वेयर हाउस से उठाए गए सर्वाधिक नमूने :--------
जानकारों ने बताया कि भंडारित चावल की गुणवत्ता के परीक्षण के क्रम में सबसे ज्यादा 15 सेंपल कृषि उपज मंडी स्थित वेयर हाउस से उठाए गए हैं। इसके अलावा डिलौरा और पतेरी स्थित 2 सरकारी गोदामों और सन वेयर हाउस से कुल 14 तथा नागौद से 4 और मैहर तथा उचेहरा स्थित गोदामों से कुल 16 नमूनों की सेंपलिंग की गई है। जिले की विभिन्न गोदामों में भंडारित सरकारी चावल गुणवत्ता की कसौटी पर आखिर कितना खरा उतरता है? यह तो वक्त ही बताएगा?
Created On :   4 Sept 2020 6:23 PM IST