फायनेंस कम्पनी पर 14 लाख का हर्जाना, ट्रक छीन लेने पर जिला फोरम का फैसला

Finance company 14 lakh fine district forum decision on snatching truck
फायनेंस कम्पनी पर 14 लाख का हर्जाना, ट्रक छीन लेने पर जिला फोरम का फैसला
फायनेंस कम्पनी पर 14 लाख का हर्जाना, ट्रक छीन लेने पर जिला फोरम का फैसला

डिजिटल डेस्क,सतना। जिला उपभोक्ता फोरम ने फायनेंस कम्पनी पर 14 लाख रूपए का हर्जाना लगाया है। जिला फोरम पीठ के अध्यक्ष बीएल वर्मा, सदस्य राकेश मिश्रा और सावित्री सिंह की पीठ ने फायनेंस कम्पनी द्वारा ट्रक को जबरजस्ती छीन लेने को सेवा में कमी मानते हुए हर्जाना लगाया है और वर्ष 2016 से 14 लाख रूपए का भुगतान किए जाने तक 5 सौ रूपए प्रतिदिन दिए जाने का भी आदेश दिया है।

12 लाख रूपये लिया था कर्ज

शिकायत के अनुसार मैहर के वार्ड नंबर-11 निवासी बिहारीलाल काछी ने एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेस लिमिटेड कम्पनी सतना से ट्रक खरीदने के लिए 31 जनवरी 2014 को 11 लाख 99 हजार रूपए का फाइनेंस कराकर कर्ज लिया था। दोनों पक्षों के बीच अनुबंध निष्पादित किया गया था। परिवादी ने उसी दिनांक को ट्रक क्रमांक एमपी 21 एच 0898 खरीद लिया था। शिकायत कर्ता अगस्त 2016 तक कम्पनी की निर्धारित किस्त देता रहा। तबियत खराब होने और नोटबंदी होने से वह अगस्त और सितम्बर की किश्त नहीं दे सका। आर्थिक तंगी का हवाला देते हुए शिकायत कर्ता ने किश्त अदा करने की मोहलत कम्पनी से मांगी। इसी बीच जब वह ट्रक लेकर 23 सितम्बर 19 को रीवा से मैहर के रास्ते में अमरपाटन में कम्पनी के लोगों ने ट्रक जबरजस्ती छीन लिया।

फोरम के अधिकार को दी थी चुनौती

शिकायतकर्ता ने कम्पनी की शिकायत अमरपाटन थाने में की। शिकायतकर्ता ने कम्पनी जाकर ट्रक वापस मांगा और कहा कि वह जल्द ही किश्त अदा कर देगा, ट्रक नहीं देंगे तो किश्त कैसे देगा। लेकिन कम्पनी के व्यक्तियों ने ट्रक नहीं लौटाया। शिकायतकर्ता ने कम्पनी के खिलाफ शिकायत अधिवक्ता दीपक शुक्ला के माध्यम से फोरम में दर्ज कराया। कम्पनी ने लिखित जवाब दाखिल कर शिकायत को बेबुनियाद बताया और कहा कि फोरम को कोई अधिकार सुनवाई का नहीं है। कम्पनी ने वैधानिक रूप से ट्रक अधिग्रहीत किया है। सुनवाई का अधिकार अनुबंध के मुताबिक आर्वीटेशन को है। जिला फोरम ने कम्पनी के दावों को नकारते हुए परिवादी की शिकायत को सही माना। फोरम पीठ ने आदेश दिया कि कम्पनी 14 लाख रूपए 8 प्रतिशत ब्याज के साथ शिकायतकर्ता को दें। 23 सितम्बर 2016 से 14 लाख रूपए का भुगतान दिए जाने तक 5 सौ रूपए प्रतिदिन के हिसाब से आर्थिक क्षति भी दे, इसके साथ ही 20 हजार रूपए परिवाद व्यय और क्षतिपूर्ति भी दिलाया है।
 

Created On :   30 July 2019 7:34 AM GMT

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